नेता जी की अस्थियां अस्थिकलश में रखीं गईं, संगम जाएंगी

~वेदव्रत गुप्ता।सैफई/,जसवंतनगर (इटावा)। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने विना पिता के पहली रात गुजारी तो सुबह ट्वीटकर लिखा कि उन्हें तो लगा कि बिना सूरज के सबेरा हुआ है। अलवत्ता श्रीयादव शुद्धता के बाद कुर्सी पर बैठे बेहद गमगीन नजर आये। भले ही उन्होंने आने जाने वाले लोगों से बात की हो, लेकिन उनके चेहरे पर पिता नेताजी के न रहने की उदासी साफ झलक रही थी।अपने जीवन में शायद अखिलेश यादव इतने उदास कभी नहीं नजर आये।पहले भी कई मौके देखे जा चुके हैं।

सैफई के मेला मैदान में जहां पर मुलायम सिंह यादव की चिता को उनके बेटे और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मुखाग्नि दी थी वहां पर सुबह श्रीयादव ने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पहुंचकर उनकी अस्थियों को एकत्रित करके एक कलश में रखा । इन्हें गंगा के संगम में संभवत विसर्जित किया जायेगा।

हालांकि अभी तक इस बारे में पारिवारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं मिली हैं।लेकिन उन्हें चुनने के बाद ही उन्हें सुरक्षित रखवा दिया गया है। इसके साथ ही जहां पर नेताजी की अंत्येष्टि की गई थी उस स्थान को फांबड़ा से समतल कर दिया गया है। अब वहां पर शांति यज्ञ के उपरांत समाधि स्थल के तौर पर बदल दिया जायेगा।

उनके आवास पर शोक जताने के लिये पहुंचने वालों का सिलसिला दूसरे दिन भी जारी रहा। वहां पर पहुंचने वालों की सूची बहुत लंबी है।

प्रदेश सरकार के खेलकूद मंत्री गिरीश यादव भी नेताजी के आवास पर पहुंचे और उन्होंने नेताजी के निधन को देश एवं समाज के कमजोर तबकों के अलावा मजदूर किसानों तथा नौजवानों की अपूर्णीय क्षति बताया है ।कहा है कि देश की राजनीति में नेताजी के निधन से आई शून्यता को अब निकट भविष्य में भरा जाना मुमकिन नहीं लगता है।

अस्थियों बीनने के दौरानअखिलेश रामगोपाल,शिवपाल, पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव तथा परिवार के अन्य सदस्य भी वहां पर मौजूद रहे।

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