शोक में डूबी सैफई में देश -प्रदेश से श्रद्धांजलि देने आने वालों का लगा रहा तांता

*नेता जी के शुद्धता कर्म में सैकड़ों ने कराया मुंडन  * दिन भर कतारबद्ध चला पुष्पांजली अर्पित करने का क्रम * अखिलेश, रामगोपाल, धर्मेंद्र , शिवपाल, तेजप्राप बैठे रहे चित्र के पास

सैफई/जसवंतनगर(इटावा)।नेता जी मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद शोक में डूबी उनकी जन्मस्थली सैफई आज भी शोक में डूबी रही।मंगलवार की शाम नेता जी के अंतिम संस्कार के बाद बुधवार को जब सबेरा हुआ और उनके पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भरे दिल से सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली…”आज पहली बार लगा…बिन सूरज के उगा है सवेरा.”.. ….तो एक बार फिर फिर लोग आंसुओं में डूब गए।

सुबह साढ़े छह बजे अखिलेश यादव, धर्मेंद्र यादव, तेजप्रताप यादव, अभय राम सिंह यादव, अभिषेक यादव, अतर सिंह यादव, राजू यादव, विजय शाक्य गांव के युवाओं और बड़े बुजुर्गों के साथ उस स्थल पर पंहुचे, जहां कल नेता जी मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार हुआ था। नेता जी का शरीर पंचतत्वों में समाकर राख हो गया था। चिता में धुंवा हल्के हल्के से नेता जी शरीक अंशों की महक आकाश की ओर ले जा रहे थे। उस समय तक वास्तव में वेदना में सूर्य उगा भी नही था। वेदमंत्रों के साथ गर्म राख पर दुग्ध एवं सभी तीर्थों के जल का अभिषेक हुआ।

बाद में स्व मुलायम के पैतृक घर के बगल में स्थित गौ शाला में, भी जिसमे नेता जी से उम्र में छोटे भाई अभयराम सिंह यादव रहते हैं,वहां हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शुद्धता कर्म की रस्में आयोजित हुई।

पूरे परिवार के लोगों भाइयों, पुत्रों, पौत्रों के मुंडन हुए। अंतिम संस्कार करने के कारण अखिलेश यादव के बाल सबसे पहले मुंडन हुए। उसके बाद एक एक कर राजपाल सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव, अनुराग यादव, तेज प्रताप सिंह, आदित्य यादव अंकुर, अभिषेक अंशुल यादव, आर्यन यादव अर्जुन यादव आदि प्रमुख के बाल मुंडन किए गए। मुलायम परिवार से जुड़ो के अलावा दर्जनों अन्य लोगों ने भी शोक में मुंडन कराये, इनमे सैफई गांव के काफी संख्या में लोग भी शामिल थे।

मुंडन होने के बाद अन्य शुद्धि रश्मों को पूरा किया गया। 

इसके बाद नेता जी को श्रद्धांजलि देने का क्रम शुरू हुआ, जो दिन भर जारी रहा और अविरल लाइन लगी रही। चूंकि अंतिम संस्कार का दूसरा दिन था ,इसलिए पूरे देश प्रदेश से लोगों, नेताओं के आने की संभावना थी, इस वजह बीवीआईपाई इंतजामात के मद्दे नजर पुलिस प्रशासन ने किसी को कोई दिक्कत या जाम का सामना न करना पड़े। इस वजह से सैफई में घुसने और नेता जी के घर की तरफ जाने वाले रास्तों पर बेरियर लगाकर फोर्स तैनात किया हुआ था और बराबर सभी को पैदल।नेता जी के पैतृक घर तक जाने दिया जा रहा था।

इस तरह दिन भर नेता जी को श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा।

अखिलेश यादव के घर के बगल में स्थित गेस्ट घर में एक बड़े हाल में “श्रद्देय नेता जी” कैप्शन के साथ आदमकद फोटो नेता जी की लगाई गई थी, जिसके आगे दीप।प्रज्वलित हो रहा था। उस के करीब ही स्वयं अखिलेश यादव, प्रो रामगोपाल यादव,प्रोफेसर साहब के बड़े भाई और नेता जी से काफी उम्र में बड़े अतर सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव, तेजप्रताप सिंह यादव , अभिषेक यादव आदि मौजूद या बैठे थे और नम आंखों के साथ वहां श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों से मुखातिब हो मौन अभिवादन करते रहे। घर की महिलाएं सरला ,मृदुला यादव, डिंपल यादव, नीलम यादव, आदि भी चित्र के करीब ही बैठी महिलाओं के द्वारा पुष्पांजलि में अभिवादन की रस्म कर रहीं थी । दिन भर दूर दूर की महिलाएं भी श्रद्धांजलि अर्पित करने आई। कल के अंतिम संस्कार के दौरान न आ सके विधायक सांसद , राजनेता आज दिन भर आते रहे और सड़कें और घर के सारे लॉन भरे रहे।

जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी, कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश सिंह शोक संवेदना व्यक्त करने आज सैफई पहुंचे और नेता जी के चित्र पा श्रद्धांजलि दी।मौलाना यासूब अब्बास भी।आज सैफई पहुंचे औरपहुच कर अखिलेश यादव से मुलाक़ातकी।मुलायम सिंह के निधन पर ग़म का इज़हार किया।अखिलेश यादव को धैर्य व साहस बनाए रखने की दुआ की तथा मुलायम सिंह के चित्र।पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।वह ऑल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी है।

इसके अलावा अखिलेश यादव के गुरु अवध नारायण बाजपेई, ,मुकुल यादव एमएलसी ,कुमदेश यादव, रामसेवक यादव, गंगापुरा, श्रीमती अनीता यादव, इटावा नगर पालिका के चेयरमैन प्रतिनिधि फुरकान अहमद, पूर्व एमएलसी सुभाष यादव, सपा के इटावा जिलाध्यक्ष गोपाल यादव, पूर्व एमएलसी अरविंद यादव ,असीम यादव फिरोजाबाद,विधायक प्रदीप यादव एवं बृजेश सिंह बनारस आदि भी अखिलेश यादव के पास बैठकर उन्हें सांत्वना देते रहे।

मुलायम के गुरु उदय प्रताप ने दी व्हील चेयर पर बैठ कर श्रद्धांजलि 

 *विश्राम सिंह , सुभाष हो गए भावुक

सैफई/इटावा। अपनी वृद्धावस्था के चलते नेताजी मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में न पहुंच पाने वाले और नेताजी के गुरु रहे देश के प्रख्यात कवि और कई बार के राज्यसभा सदस्य उदय प्रताप सिंह यादव बुधवार को दोपहर जब व्हीलचेयर पर नेताजी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे, तो उनकी आंखें अश्रुपूरित थी ।वह जब उस हॉल में जिसमें नेता जी का चित्र रखा गया था, वहां पहुंचे तो उन्हें कई वरिष्ठ नेताओं ने सहारा देकर नेताजी के चित्र के पास पहुंचाया। उदय प्रताप सिंह नेताजी को पुष्पांजलि अर्पित करते करते फफक पड़े । पहले तो उनकी जुबान से कोई शब्द नहीं निकला, लेकिन बाद में उन्होंने नेताजी को अपनी काव्य रचना से श्रद्धांजलि दी ।

अखिलेश यादव और प्रोफेसर रामगोपाल ने उदय प्रताप सिंह के पैर छुए। उनको व्हील चेयर पर ही बैठे रहने दिया और अपने सामने बैठाया ।

इसी दौरान नेताजी के अनन्य साथी रहे और पिछली सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त करने वाले राम मनोहर लोहिया इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य विश्राम सिंह यादव नेताजी को श्रद्धांजलि देने जब पहुंचे ,तो उन्हें भी जमीन पर न बैठने की क्षमता देख कुर्सी पर ही अखिलेश यादव ने बैठाया।

मुलायम सिंह यादव ने सन 1967 में जब अपना पहला विधान सभा चुनाव जसवन्तनगर से लड़ा था, तब वह अपना प्रचार साइकिल से ही करते थे उन्हें चूंकि उनके राजनीतिक गुरु स्वर्गीय नत्थू सिंह मेंबर साहब ने टिकट दी थी और अपनी इस सीट से लड़ाया था, तब प्रचार दौरान मेंबर साहब ने अपने बेटे सुभाष यादव को जो उस समय 17 वर्ष के ही थे, को नेताजी को मोटरसाइकिल पर बताकर ले जाकर गांव-गांव प्रचार करने के लिए भेजा था ।वह सुभाष यादव बाद में कई बार प्रदेश विधान परिषद में नेता जी ने मनोनीत कराया। आज जब वह भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे तो रो पड़े ।उन्हें भी कुर्सी पर बैठाने अखिलेश यादव ने सभी से कहा।

रिपोर्ट~वेदव्रत गुप्त

 

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