क्रिकेट जगत के महाराजा सौरव गांगुली की अनटोल्ड स्टोरी, फ़ुटबॉल छोड़ जब क्रिकेट को चुना था कैरियर

 भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तानों में से एक और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली 8 जुलाई 2022 को 50 वर्ष के पूरे हो गए। उन्होंने इंग्लैंड में जन्मदिन सेलिब्रेट किया।सौरव के ताऊ जी ने अपने लड़के स्नेहाशीष के लिये देबू मितरा को कोच के तौर पर रखा हुआ था. अब मितरा को दो लड़के कोच करने को मिल गए.

घर में एक जिम बनवाया गया और घर के ही पास 2 कंक्रीट की पिचें ढलवाई गईं जहां दोनों भाई प्रैक्टिस किया करते थे. स्नेहाशीष बंगाल की रणजी टीम में जगह बना रहा था और दूसरी तरफ सौरव जूनियर क्रिकेट में नाम बना रहा था. सचिन तेंदुलकर ने बताया कि, 1999 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मैंने तय कर लिया था कि मेरे कप्तानी छोड़ने पर अगला कप्तान कौन होगा। मास्टर ब्लास्टर ने बताया कि,‘‘ कप्तानी छोड़ने से पहले भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मैंने सौरव को टीम का उपकप्तान बनाने का सुझाव दिया था। “

इस मौके पर उनके साथी क्रिकेटर रहे उनके खास दोस्त सचिन तेंदुलकर भी वहां मौजूद रहे। इस ग्रैंड सेलिब्रेशन से पहले सचिन ने मीडिया से बातचीत की और दादा के जन्मदिन पर उनसे जुड़े कई किस्से भी बताए। कुछ ही हफ़्तों में गांगुली बंगाल के लिए अपना पहला फ़र्स्ट क्लास मैच खेल रहे थे. और ये रणजी ट्रॉफ़ी का फ़ाइनल मैच था. बंगाल दूसरी बार रणजी ट्रॉफ़ी जीतने के सपने देख रहा था.सौरव चंडीदास गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ था।

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