आई फ्लू का प्रकोप,अफसरों की मिलीभगत से मेडिकल स्टोर्स मचाए हैं लूट

फोटो: एक मेडिकल स्टोर
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    जसवंतनगर इटावा। मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस और मेडिकल स्टोर्स पर बिकने वाली घटिया दवाइयों को लेकर हर महीने हजारों रुपए जसवंत नगर से वसूलने वाले स्वास्थ्य विभाग के  अधिकारियों की मिली सांठगांठ से इन दिनों जसवंत नगर में फैले नेत्र रोग “आई फ्लू” की दवाएं अनाप-शनाप दामों पर बेची जा रही हैं और ग्राहकों को लूटा जा रहा है।

    आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जसवंतनगर जैसी जगह में इस समय 50 से ज्यादा मेडिकल स्टोर हैं,९ जबकि यहां गिने-चुने एमबीबीएस या बीएएमएस डॉक्टर हैं। यह सभी डॉक्टर अपने यहां मरीजों को खुद दवाई देते हैं, कोई  भी डॉक्टर  प्रिसक्रप्शन नहीं लिखता ।इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में यहां चल रहे मेडिकल स्टोर केवल गोरखधंधे पर टिके हैं।
     इनके संचालक ट्रेंड डॉक्टरों की तुलना में अपने को बड़े डॉक्टर दर्शाकर लोगों को खांसी, जुकाम, बुखार, नेत्र रोग, पेट दर्द, शरीर दर्द ,यहां तक कि मलेरिया,डेंगू, टीबी,हाई ब्लड प्रेशर, शुगर आदि रोगों की दवाएं धड़ल्ले से देकर प्रिसक्राइब्ड डॉक्टर्स की ऐसी सड़क छाप बनाए हैं। झोला छाप डॉक्टर्स के ये स्टोर्स रहनुमा बन गए हैं।
     जसवंत नगर में आधा दर्जन मेडिकल स्टोर्स जिनकी साख ऊंची है। वह भले बाकायदा प्रिसक्रिप्शन पर्चों पर दवाएं विकृत करते हैं और जेन्युइन दवाएं बेचते हैं, जबकि अन्य गोरखधंधागीर मेडिकल स्टोर अपनी कमाई के लिए घटिया कंपनियों की दवाएं धड़ल्ले से बेच रहे हैं। 
     यह मेडिकल स्टोर न केवल लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं बल्कि जीएसटी विभाग को भी चूना लगा रहे हैं।  दवाएं नंबर दो में बेचकर बिल भी नहीं काट रहे हैं। 
   यहां के ज्यादातर मेडिकल स्टोर जेनुइन दवा एं नहीं रखते, बल्कि घटिया और जेनेरिक दवाएं ऊंची कीमतों में बेचकर लोगों से अनाप-शनाप वसूली कर रहे हैं।
    यहां नगर में ऐसे मेडिकल स्टोरों की बाढ़ सी आई हुई है। ग्रामीण व अनपढ़ मरीजों को जमकर लूटा जा रहा है। यही नहीं यह मेडिकल स्टोर पशुओं की दवाई के नाम पर भी लूट मचाए हैं ।जानवरों की जो कैलशियम सिरप मात्र 40 रुपए कीमत का होता है। उसे खड़िया, चूना और गन्ने की लदोई से तैयार और फर्जी तौर पर पैकिंग कर उसे किसानों को 500 से1000 रुपए का बेच कर लंबी कमाइयां करने में जुटे है। एक दो मेडिकल स्टोरों के बारे में तो यह पता चला है कि वह खांसी आदि के सिरप अल्कोहल मिलाकर खुद बना रहे हैं और लूट मचाये हैं। इन स्टोरों पर युवाओ द्वारा नशे में प्रयोग किए जाने वाले इंजेक्शन और गोलियां धड़ल्ले से बेची जा रही है ।दरअसल में इन स्टोरों की अपनी कमाई ऐसे इंजेक्शनों और गोलियां और नकली जेनेरिक दवाइयां की बिक्री पर टिकी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कुछ मेडिकल संचालक धौंस देकर उन पर नकेल डाले हैं। इस वजह से स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी उनके यहां छापे डालने की हिम्मत नही जुटा पाते। 
   इन दिनों फैले नेत्र रोग आई फ्लू की दवाएं  पायरिनॉरम डी, सिप्लॉक्स डी, मॉक्सिफ्लाक्सासिन डी जिन की कीमतें 10 रुपए से लेकर 30 – 35 रुपए मात्र है। यहां ज्यादातर मेडिकल स्टोर ब्लैक में 100 और 150 रुपए कीमत में बेच रहे हैं। वह भी जनरिक कंपनियों के हैं ।इसी प्रकार आई फ्लू में प्रयोग होने वाली अन्य ओरल दवाएं भी ब्लैक की जा रही है। मगर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आंखों पर पट्टी और कानों में उंगली डालें लोगों  की लूट जमकर करा रहे हैं।
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*वेदव्रत गुप्ता

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