सोमवार रात से शुरू हुई बरसात ने जनजीवन किया अस्त व्यस्त 

  *दिन भर फेल रही विद्युत आपूर्ति   *कोठी कैस्थ के जलभराव को लेकर बबाल   *जेसीबी ने 11 केवी केबिल काटी

फोटो: कैस्थ में कंजर कॉलोनी के पास भारी जल भराव। सड़क पर पानी भरी होने के बीच निकलते वाहन
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जसवंतनगर (इटावा)। विपरजॉय समुद्री तूफान के असर या फिर प्री मानसून के तहत सोमवार  रात से यहां क्षेत्र में शुरू हुई  भारी बरसात से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। हालांकि मौसम सुहाना होने से लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिल गई।

   
रात 2 बजे से आरंभ हुई बरसात से जसवंतनगर कस्बा में जगह जगह जलभराव के हालात पैदा हो गए। जलभराव से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले कैस्थ-रामलीला रोड पर  कंजड़ कॉलोनी में हालत इतनी खराब हो गई कि पालिका प्रशासन को जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए जेसीबी मशीन तक भेजनी पड़ी।
     बताया गया है कि बरसात आरंभ होते ही जसवंतनगर कस्बे के सभी विद्युत फीडर ब्रेकडाउन में  चले गये  और नगर में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई।
    इसी बीच कैस्थ स्थित कंजर कॉलोनी में जलभराव से निजात दिलाने पालिका अध्यक्ष सत्यनारायण संखवार  खुद वहां पहुंचे और उनके  निर्देश पर जब जेसीबी पहुंची और उस जेसीबी द्वारा जलभराव खोलने के लिए हटाए जा रहे कूड़े के ढेर में दबी विद्युत विभाग की एक 11 केवी की केबल किसी भी तरह कट गई, तो विद्युत अफसरों ने हंगामा खड़ा कर दिया  और उन्होंने पुलिस को सूचना देकर न केवल जेसीबी का परिचालन रुकवा दिया ,बल्कि उसके चालक को पुलिस से कहकर  गिरफ्तार करा दिया। इससे पालिका कर्मियों में भी रोष फैल गया।
       बताते हैं कि विद्युत अधिकारी इस बात पर अड़ गए थे कि जेसीबी ने विद्युत विभाग का ,जो नुकसान  किया है, उसकी भरपाई नगरपालिका करें ।
   इस पर नगर पालिका अध्यक्ष ने साफ-साफ कह दिया कि जेसीबी नागरिकों के हित का काम कर रही थी, ऐसे में अगर विद्युत विभाग की केबल कट गई है, तो उसकी भरपाई नगर पालिका क्यों करें?
 हालांकि पालिका कर्मियों के रोष की आहट पाकर पाकर  पुलिस ने जेसीबी चालक को तुरंत ही थाने से रिहा कर दिया।
     इस घटना को लेकर पालिका अध्यक्ष ने रोष जताया है और कहा है कि विद्युत अधिकारियों को संजीदगी का परिचय देते इस तरह का रवैया नहीं अपनाना चाहिए था।
    बताया गया है कि रात 2 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक भारी वर्षा हुई, इसके बाद रिमझिम बरसात दिन भर लगे रहने से न केवल नगर क्षेत्र में, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति पैदा हो गई।
    लोगों को उम्मीद नहीं थी कि पहली वर्षा इतनी तेज होगी। इसलिए उन्होंने कोई तैयारी भी नहीं की थी। रिमझिम बरसात के चलते दिन भर बाजारों में  सन्नाटे रहे, मगर प्लास्टिक की मोनिया और त्रिपाल खरीदने वालों की भीड़ इनके विक्रेताओं की दुकानों पर लगी रही।
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*वेदव्रत गुप्ता

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