जीवन में जीतने की भूख और अनुशासन बनाता है चैंपियन: बॉक्सर मैरीकॉम
*डीपीएस के खेल समागम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंची मैरी कॉम * स्कूल की उत्कृष्ट व्यवस्थाओं के लिए विवेक को सराहा *गरीबी अमीरी मायने नहीं रखती इच्छा शक्ति जरूरी
फोटो :- डीपीएस स्कूल इटावा के खेल समागम का उद्घाटन करते अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर स्कूल के मेडल विजेता छात्रों के साथ पॉज करवाती बॉक्सर मैरीकॉम
इटावा,18 दिसंबर। अंतरराष्ट्रीय और विश्वविख्यात मुक्केबाज एमएस मैरी कॉम ने कहा है कि जीवन में किसी भी क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने के लिए उस क्षेत्र के लिए अपने में भूख पैदा करने की जरूरत है। दृढ़ इच्छाशक्ति के बल कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। गरीबी, अमीरी ,साधन विहीनता किनारा कर लेती हैं और भले ही थोड़ी बहुत बाधाएं आएं मगर ईश्वर की मदद से अंत में सफलता मिलती हैं।
मैरी कॉम रविवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल इटावा के प्रांगण में एनुअल स्पोर्ट्स डे के समापन समारोह में चीफ गेस्ट के रुप में संबोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि वह स्वयं में इस बात का ही उदाहरण है, वह एक गरीब परिवार में जन्मी थी, उनके माता-पिता साधन विहीन थे। खेती-बाड़ी करते थे। मैं भी उनके साथ हाथ बटाती थी। स्कूल पढ़ने जाती थी तो हर महीने फीस करने में दिक्कत आती थी। मुझ पर कोर्स की किताबें भी नहीं होती थी। मैं एक लड़की थी, इसलिए जब मैं खेल क्षेत्र में उतरी और मुक्केबाज बनी ,तो मुझे पुरुष समाज और लोगों के खूब ताने सुनने पड़े। मगर मेरे अंदर कुछ कर गुजरने की भूख थी इसी ने मुझे देश का गौरव बनने और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग मैं ऊंचा करने का मौका दिया।
उल्लेखनीय है कि एमएस मैरी कॉम मणिपुर प्रदेश की निवासिनी हैं। वह देश के सर्वोच्च सम्मान पदम विभूषण ,पद्मभषण,
पदम श्री ,मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड अर्जुन अवॉर्ड से नवाजी जा चुकी है।उन्होंने देश के लिए 8 बार वर्ल्ड बॉक्सिंग में स्वर्ण पदक,एक बार ओलंपिक शीतकालीन चैंपियनशिप, एक बार कॉमनवेल्थ मेडल के अलावा कई बार एशियन गोल्ड मेडल जीते हैं। देश के राष्ट्रपति द्वारा एक खिलाड़ी के तौर पर राज्यसभा में उन्हे सदस्य के रूप में नामित किये जाने का गौरव प्राप्त हुआ है। वर्तमान में को है बॉक्सिंग के लिए देश राष्ट्रीय स्तर की बॉक्सिंग अकादमी बॉक्सिंग सीखने वालों के लिए बिना खर्चे के चला रही हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या वह देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न प्राप्त करना चाहती हैं? तो उन्होंने जवाब दिया कि उनकी यह ख्वाइश है, यह देश के लोगों की इच्छा और मेरी तमन्ना के बल पर अवश्य मुझे हासिल होगा।
डीपीएस स्कूल में मौजूद हजारों स्कूल के बच्चों और अभिभावकों को प्रेरित करते उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर बनाने की जिस तरह आप लोग इच्छा संजोते हैं, उसी तरह बच्चों को खेलों में शीर्ष पर देखने का भी लक्ष्य बनाएं। क्योंकि इससे देश में खेल प्रतिभाएं पैदा होंगी।फिर यही प्रतिभाएं मेरी तरह ही देश के लिए विश्व स्तरीय पदक लाकर देश का नाम गौरवान्वित करेंगे। अपने देश का खेल जगत में भी नाम ऊंचा होगा।
उन्होंने कहा कि मैं जब विश्व स्तर पर 6 पदक जीत चुकी थी, तब मेरी शादी हो गई, मेरे बड़े ऑपरेशन से दो बच्चे भी जन्मे, लेकिन मैंने अपनी इच्छा शक्ति और अपना उत्साह नहीं खोया। उनका कहना था कि जो खिलाड़ी शादी होने के बाद अपना खेल प्रोफेशन छोड़ देते हैं, उनके लिए मैं एक उदाहरण हूं कि शादी के बाद भी मैंने विश्व चैंपियनशिप में मुक्केबाजी पदक 2 स्वर्ण और कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीते।
दिल्ली पब्लिक स्कूल में आयोजित दो दिवसीय वार्षिक खेल समागम के द्वितीय दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारी अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियन एम एस मेरीकॉम का स्वागत चैयरमैन डॉ विवेक यादव ,वाइस चेयरमैन डॉ प्रीति यादव व प्रिंसिपल भावना सिंह ने बुके भेंट कर व स्कूली छात्राओं द्वारा उनका तिलक वंदन कर किया । खेलों का शुभारंभ मुख्य अतिथि के द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
स्कूली छात्राओं द्वारा पारंपरिक स्वागत व कक्षा 9 एवम 12 के बच्चों द्वारा भांगड़ा नृत्य प्रस्तुत किया गया।
भांगड़ा नृत्य देखकर मंच पर ही मैरीकॉम खुद थिरकने लगी और खूब एंजॉय किया उन्होंने मंच से रंग बिरंगे गुब्बारे और सफेद कबूतर उड़ाकर सभी को एकता का सुन्दर संदेश दिया।
बेहतरीन मां का नाम मैरीकॉम :विवेक
अपने स्वागत उद्बोधन में डीपीएस चैयरमैन डॉ विवेक यादव ने कहा कि,मेरीकॉम आत्मविश्वाश और ऊर्जा से भरी एक बेहतरीन मां का नाम है। यह उनका आत्मविश्वास और जुनून ही है कि, बेहद साधारण सी दो बच्चो की मां होने के बाद भी 6 बार बॉक्सिंग में वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी है जो संघर्ष और सफलता की एक प्रेरणा है। मुख्य अतिथि द्वारा टॉर्च सेरेमनी की गई। इसके बाद डीपीएस के विद्यार्थियों ने शानदार मार्च पास्ट किया कर सलामी दी गई।। मुख्य अतिथि ने कर्तव्य निष्ठा की शपथ भी दिलाई।
मेरीकॉम ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि,हमारे स्कूल मैं न तो सब सुविधाएं थी और न ही मेरे पास इतने पैसे थे कि मैं ट्रैक सूट और बॉक्सिंग ग्लव्स खरीद सकूं ।उन्होंने डीपीएस स्कूल की तारीफ करते कहा यहां सभी बच्चों के लिए बहुत ही उत्कृष्ट शिक्षण और खेल सुविधाएं उपलब्ध है। संबोधन के बाद मंच से उतरकर विद्यालय के कई सैकड़ा बच्चों से हाथ मिलाकर मुलाकात की और सभी अभिभावकों का नमस्ते के साथ अभिवादन भी किया। साथ ही कई बच्चों को उनकी जैकेट और कॉपी पर ऑटोग्राफ भी दिया। डी पी एस के बच्चे अपने बीच अंतराष्ट्रीय बॉक्सर को देखकर बेहद खुश और आतुर दिखे। मेरीकॉम ने प्ले ग्राउंग में जाकर बच्चों के साथ विजयी मुद्रा में फोटो खिंचवाई । उन्होंने डीपीएस के वार्षिक समागम के फ्लेक्स के सामने खड़े होकर बॉक्सिंग की मुद्रा में यादगार पोज दिया । कार्यक्रम में सीबीएसई सहोदया के विभिन्न प्रिंसिपलों को भी सम्मानित किया गया। प्रिंसिपल भावना सिंह ने का आभार प्रकट किया।
खेलों में सफायर हाउस बना चैंपियन_
द्वितीय दिवस स्कूल के चार मुख्य हाउस एमराल्ड हाउस,रूबी हाउस,सैफायर हाउस एवम टोपाज हाउस के बच्चों ने खेलों में प्रतिभाग किया। कई खेल प्रतियोगिताएं हुई ,जिनमे रिले और अन्य खेल प्रमुख रहे। खेल में चारों हाउस में से सफायर हाउस 111 अंको के साथ विजेता रहा। जिसे विजेता चल वैजयंती ट्रॉफी प्रदान की गई। बेस्ट मार्च पास्ट की ट्रॉफी एमरल्ड हाउस को प्रदान की गई।
अंत में विभिन्न विजेता बच्चों को वार्षिक पुरुस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मदन हॉस्पिटल के चैयरमैन डॉ विकास यादव,डॉ अमिता यादव, तहसीलदार राजकुमार सिंह,संत विवेकानंद भिंड की प्रिंसिपल डॉ सीमा त्रिपाठी,सर मदनलाल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल के डायरेक्टर शशि शेखर त्रिपाठी, डायरेक्टर एसएमजीआई डॉ उमाशंकर शर्मा, स्पोर्ट्स प्रभारी रेहान अजीज,कोच प्रभाकर सिंह,भानू प्रताप सिंह,सचिन यादव और फरहान अजीज मौजूद रहे।
*वेदव्रत गुप्ता