सड़कों पर घूमते गौवंशों ने किसानों और वाहन चालकों की नाक में किया दम

*आए दिन होती दुर्घटनाएं किसानों की फसले हो रहीं चौपट *अफसरों को उन्हें गौशालाओं में पहुंचाने की फुर्सत नहीं

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फोटो – जसवंतनगर के भावलपुर के सामने हाईवे पर खड़े गोवंश
जसवंतनगर(इटावा)।नेशनल हाइवे पर आवारा पशुओं, खासतौर से गौवंशों का जमावड़ा यातायात के लिए एक बड़ी समस्या बना हुआ है। बाबजूद इसके प्रशासनिक अधिकारी उदासीन हैं। विभिन्न ग्राम पंचायतों में गौशालाएं संचालित हैं, और सरकार इन के रखरखाव पर लाखों रुपए खर्च कर रही है, फिर भी जितने गोवंश गौशालाओं में नहीं है ,उससे ज्यादा हाईवे और अन्य सड़कों पर घूमते देखे जा सकते हैं। इन्हे गौशालाओं में पहुंचाने की सुध किसी ने भी नहीं ली है। 
   यही वजह है कि सड़कों पर आए दिन कोई न कोई घटना इनसे टकराकर घटती रहती हैं। फिर भी इन्हे गोशाला में नही पहुचाने के लिए पुख्ता कदम नहीं उठाया गया है।
      एक आंकड़े के मुताबिक जसवंत नगर इलाके में हाईवे पर वाहनों से आवारा पशुओं के टकराने से कम से कम  दो दर्जन लोग पिछले 6 महीना में दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं।   
      जसवंतनगर  इलाके में आवारा गौवंश का जमावड़ा हाइवे पर कुरसैना गांव से लेकर  सरायभोपत नहर के पुल तक प्रायः देखा जा सकता है। ये गौवंश या तो झुंड के झुंड डिवाइडरो पर खड़े या बैठे  देखे जा सकते हैं अथवा स्वच्छंद विचरण करते नजर आते हैं।
 किसानों के खेतों में इन दिनों जायद की फसलें मूंग, उरद तथा खरीफ की मक्का और बाजरा  तैयार हो रहीं हैं। आवारा गौवंश  सैकडो की संख्या में   इन फसलों पर हमला बोलते और चरते किसानों की नाक में दम किए हैं।
     प्रशासनिक अधिकारी आए दिन  गौशालाओ मे चक्कर तो लगाते नजर आते है, मगर उनको हाईवे पर आवारा घूमते गौवंश नजर नहीं आते, जबकि किसान और आम लोग आए दिन इन को लेकर शिकायतें करते हैं।
   जसवन्तनगर इलाके में आवारा गौवांशो का प्रकोप सर्वाधिक ग्राम कैस्थ, जारीखेडा, महलई, मलाजनी, बनकटी, भावलपुर, नगला नवल, आदि में हैं। वहां के लोग अपनी फसलें रखाते – रखाते बेहद परेशान है। उनकी फसलें रातों- रात उजाड दी जा रहीं हैं, मगर कोई अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। 
      इस संबंध में जसवंतनगर विकासखड के खंड विकास अधिकारी मन्नू लाल का ध्यान आकृष्ट किया गया, तो उनका कहना है कि उन्होने सभी ग्राम पंचायत सचिवो को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द आवारा गौवंशो को गौशालाओ तक पहुॅचाया जाए।
*वेदव्रत गुप्ता

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