लरखोर के सरकारी विद्यालय में बनता है ईंट के चूल्हे पर “मिड डे मील”
फोटो:लरखौर गांव के स्कूल में चूल्हे पर मिड डे मील बनता हुआ
जसवंतनगर(इटावा)। क्षेत्र में बेसिक शिक्षा की छवि सरकारी विज्ञप्तियों के जरिए बड़ी ही साफ सुथरी बताई जाती है ,मगर ऐसा नहीं है और यहां की बीआरसी से लेकर इस विभाग के अधिकारी तक स्कूलों की हालत दिन पर दिन बदतर कर रहे हैं ।बैठकों और मीटिंग में खूब खाया उड़ाया जाता है। मगर स्कूलों में व्यवस्था के नाम पर कुछ किया ही नहीं, जाता इसका उदाहरण ग्राम लरखौर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में जाने पर देखने को मिला। यहां मिड डे मील ईंटों से बने चूल्हे पर बनाया जा रहा था।
लरखोर गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में करीब 6 महीने पहले चोर सिलेंडर चूल्हा आदि चोरी कर ले गए थे, मगर विभाग के सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी समेत अन्य किसी ने स्कूल में गैस सिलेंडर और चूल्हे की व्यवस्था नहीं कराई और न ही गांव के प्रधान को ही निर्देशित किया कि मध्यान भोजन बनाने के लिए गैस सिलेंडर की व्यवस्था की जाए।
बताया तो यहां तक गया है कि कई स्कूलों में अभी भी लकड़ी के चूल्हों पर ही मिड-डे-मील बनाया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन गैस सिलेंडर के चूल्हे पर बनाने के निर्देश दिए हैं। मगर कुछ स्कूल में ही मध्याह्न भोजन गैस सिलेंडर पर बनना शुरू हो पाया है।
जसवंतनगर के ग्राम लरखोर उच्च प्राथमिक विद्यालय में रसोई गैस की कोई व्यवस्था नहीं है। चूल्हा जलाने से जहां प्रतिदिन इसके धुएं से आसपास का क्षेत्र प्रदूषित हो रहा है। वहीं पढ़ाई करने वाले बच्चों को भी काफी परेशानी हो रही है। उनके स्वास्थ्य प्रभावित हो रहे हैं। पूछने पर बताया गया है कि गैस सिलेंडर चोरी होने के बजह से लकड़ी पर 150 बच्चों का खाना रोज बनाया जाता है।
∆वेदव्रत गुप्ता