भरथना ,घर मे लगी आग में ग्रहस्थी हुई राख* ● नगदी और सौने-चांदी के आभूषण आग की भेंट चढ़े,

घर आग में सुलगता रहा परिजन छत पर सोता रहा

*घर मे लगी आग में ग्रहस्थी हुई राख*

● नगदी और सौने-चांदी के आभूषण आग की भेंट चढ़े,

● घर आग में सुलगता रहा परिजन छत पर सोता रहा,

भरथना,इटावा। भरथना कोतवाली क्षेत्र कस्बा के कृषि उत्पादन मंडी समिति के निकट ग्राम डुडहा में एक ग्रहस्वामी के घर में बीती रात अज्ञात कारणों के चलते भीषण आग लग गई,जिसमे ग्रहस्वामी के कमरे में रखी ग्रहस्थी का सामान नगदी आभूषण जलकर राख हो गया। मजे की बात यह है कि भीषण गर्मी के कारण परिजन घर की छत पर गहरी नींद में सोता रहा और घर की ग्रहस्थी धीमे धीमे सुलगती रही। ग्रहस्वामी सहित परिजनों को अग्निकाण्ड की जानकारी भोर होने पर तब हो सकी जब घर की छत गर्म होने लगी,इस बीच घर से चारो तरफ धुंआ निकलता देख परिजनों में चीख पुकार के साथ हाहाकार मच गया। जिसपर चीख पुकार सुन ग्रामीणों ने घर की छत पर फसे ग्रहस्वामी सहित अन्य परिजनों को आग से सुरक्षित बचाकर निजी संसाधनों भीषण आग पर बमुश्किल क़ाबू पाया।
अग्निपीड़ित ग्रहस्वामी सोवरन सिंह पुत्र स्व०मैकू लाल जाटव ने बताया कि बीती रात्रि भीषण गर्मी में बिजली सप्लाई की आवा जाई के चलते वह तीनो पुत्र सौनू,नीरज,होंम सिंह व दो पुत्र बधू और तीन नातिन व दो नाती सहित एक दर्जन परिजनों के साथ घर की छत पर सोए हुए थे। घर के अन्दर बाले कमरे में अचानक आग कब और कैसे लग गई किसी को कुछ पता ही नही चल सका।
बुधवार की प्रातः गांव में जगार होने से पहले जब घर की छत आग लगने से गर्म हुई तब परिजन अचानक जागे और चारो तरफ घर से धुंआ निकलता देख परिजन घबरा कर चीखने लगे,जिनकी आबाजें सुन कर ग्रामीणों ने आग गलने के कारण छत पर फसे लोगो को पहले सुरक्षित बचाया जिसके बाद ग्रामीणों ने निजी संसाधनों से घर मे लगी आग पर पानी डाल कर बमुश्किल काबू पाया।
अग्निपीड़ित ग्रहस्वामी की पुत्रवधू राधिका देवी ने बताया कि आग में डबल बैड,मेज कुर्सियां अलमारी, बिस्तर,कपड़े,राशन में गेंहू चावल,आटा,दाल आदि ग्रहस्थी का सामान व बैड की रैक में रखी 10 हजार रूपये की नगदी व सौने चांदी के आभूषण जल कर नष्ट हो गये। घटना के सम्बन्ध में क्षेत्रीय लेखपाल को अवगत कराया गया है।

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