नगर पालिका द्वारा लगवाए गए “वाटर-कूलर” नही दे रहे ठंडा पानी

       *ज्यादातर पड़े हैं खराब, संभलवाने के लिए फंड नहीं

 

 फोटो :- खराब पड़ा एक  वाटर कूलर जो मुंह चिढ़ाता प्यासों को
_____
जसवंतनगर(इटावा)। मई का महीना है और गर्मी का मौसम अपने पूरे  शबाब पर है। ऐसे मौसम में लोगों और राहगीरों को यदि कहीं पीने के लिए  ठंडा पानी मिल जाए ,तो उनके मुंह से  बरबस ही दुआएं निकलती हैं।
       एक जमाना था,जब लोग गर्मी के दिनों में प्याऊ लगवाते थे, धनी मानी लोग लोग तो ठंडा शरबत भी पिलवाया करते थे, मगर अब प्याऊ लगवाना तो दूर नगर में लगे अनेक वाटर कूलरों में  से ठंडा पानी ही नहीं निकल रहा है।
    कई वाटर कूलर तो बरसों से खराब खड़े शोपीस बन लोगो को चिढ़ा रहे है। इन्हें लगवाने वाली जसवंतनगर नगर पालिका प्रशासन का रोना है कि उनके पास इन वॉटर कूलरों को ठीक करवाने के लिए पैसा ही नहीं है। 
    जानकारी मिली है कि नगर में कई दर्जन वाटर कूलर नगर पालिका प्रशासन ने पिछले 10-12 वर्षों में लगवाएं हैं।  वर्तमान में इनमे से एक दर्जन से ज्यादा खराब पड़े हैं। इनकी खैर- खबर न तो नगर पालिका ले रहा है और नहीं संबंधित वार्डों के सभासद ही कोई प्रयास कर रहे हैं कि ये वाटर कूलर ठीक हो जाएं। कुछ कर भी रहे तो उनकी कोई सुनवाई ही नहीं है।
    जसवंतनगर में हाईवे चौराहा से लेकर रेलवे फाटक तक सर्वत्र तेज पेयजल का संकट है, क्योंकि या तो हैंड पंप कम संख्या में लगे है और लगे हैं ,तो वह रिबोर और ठीक होने की प्रतीक्षा में है। 
   पालिका बाजार, बड़ा चौराहा, सदर बाजार, बजाज मार्केट आदि नगर के मुख्य बाजार हैं ।यहां पर पेय जल की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए, मगर एक दो हैंडपंप ही है, इस वजह से बाजार में आने वाले लोग प्यासे ही रहते हैं।  बूंद  बूंद पानी के लिए भटकते हैं।
  पालिका प्रशासन द्वारा जब वाटर कूलर लगवाये जाते है, तो उनके उद्घाटनों की फोटो जोर-शोर से अखबारों और सोशल मीडिया  में छपवाई जाती हैं । पालिका अध्यक्ष से लेकर सभासद इन्हें लगवाने का खुद को श्रेय लेते नही अघाते हैं, मगर खराब वाटर कूलरों की किसी को चिंता  फिक्र तनिक भी नहीं है। 
     नगर के वार्ड संख्या 11 की सभासद मोहिनी दुबे के पति अनिरुद्ध दुबे उर्फ मोनू बताते हैं कि उनके ही वार्ड में पिछले कई सालों से कई वाटर कूलर खराब पड़े हैं। उन्होंने जब भी  पालिका अध्यक्ष अथवा इन वॉटर कूलरों के प्रभारी क्लर्क से शिकायत की, तो उनका रोना था कि फंड ही नहीं है ।
   जबकि हाल ही में उनके वार्ड में कमलेश यादव हलवाई की दुकान के पास खराब पड़ा वाटर कूलर महज जिला प्रशासन द्वारा खोले गए “पिंक बूथ की वजह से रातों रात ठीक करवा दिया गया, जबकि पड़ाव मंडी में पिछले 3 वर्ष से एक वाटर कूलर ठीक होने के लिए तरस रहा है। 
  अंबेडकर पार्क, कोठी कैस्थ में काफी दिनों से वाटर कूलर खराब है। इसी तरह तालाब मंडी में मुन्ना रेडीमेड के पास लगा वाटर कूलर भी खराब है। 
         वाटर कूलर नगर पालिका प्रशासन  प्रायः डायरेक्ट बिजली लाइन से लगवा तो देता है। उनके कनेक्शन नहीं लेता, इस वजह से उनमें प्राय हाई वोल्टेज की समस्या आने के कारण वाटर कूलर खराब हो जाते हैं। कई वाटर कूलर तो सभासदों की निगाहबंदी में लगवाए गए हैं, मगर वह सभासद भी उनकी देखभाल करना तो दूर उन्हें ठीक करवाने के लिए कभी ही शायद नगर पालिका प्रशासन में शिकायत  करते हैं। 
  छिमारा रोड पर डॉक्टर राजकुमार की दुकान के पास, सैफई रोड पर बस स्टैंड के आगे, स्वर्गीय महावीर सिंह के घर के पास लगा वाटर कूलर स्टेबलाइजर खराब हो जाने के बाद से उसे डायरेक्ट चलाया जा रहा है ।वह भी किसी भी दिन खराब हो सकता है। 
    अनेक सभासदों और होमगंज वार्ड के सभासद प्रतिनिधि मोनू दुबे ने बताया कि नगर पालिका में जब भी वाटर कूलरों अथवा हैंड पंपों की खराबी की शिकायत की जाती है, तो कोई सुनवाई नहीं की जाती है।
      उनका आरोप है कि जब नगर पालिका में वाटर कूलर और हैंड पंपों को ठीक करने के लिए कोई फंड ही नहीं है, तो जल कल विभाग क्या राम भरोसे चल रहा है? आखिर किस लिए इन्हे लगवाया जाता? ठेकेदारी के काम कराने और कमीशन खोरी  के लिए नगर पालिका के पास पैसा कहां से आ जाता है!
    उन्होंने मांग की है कि पालिका अध्यक्ष सत्यनारायण शंखवार नगर के सभी वाटर कूलरों  का सर्वेक्षण कराएं और गर्मी के इस मौसम में, ताकि लोग पेय जल के लिए न तरस सकें।
 *वेदव्रत गुप्ता
_____

Related Articles

Back to top button