रामलीला महोत्सव में लंकाधिपति रावण ने किया, सीता का अपहरण
* साधु के वेश में आया था रावण *राम ने जटायु का अंतिम संस्कार किया *शबरी के झूठे बेर खाए
Madhav SandeshOctober 20, 2023
फोटो:- सीता का हरण करता हुआ लंकाधिपति रावण (खबर के साथ फोटोज).. मारीच का वध करते राम, साधु बने रावण को भिक्षा देती सीता। जटायु रावण से युद्ध करता हुआ।
जसवंतनगर (इटावा)। लंकाधिपति और ऋषि विश्रवा के पुत्र रावण के दिमाग पर पत्थर पड़ गए और उसने अपनी बहन सूर्पनखा के अपमान की आग में जलते हुए भगवान राम की धर्मपत्नी सीता का अपहरण कर लिया।
उसने सीता के अपहरण के लिए पहले अपने मामा मारीच को पंचवटी में स्वर्ण मृग के रूप में विचरण के लिए भेजा और फिर स्वयं साधु के वेश में भिक्षुक बनकर सीता के हरण का दुष्कृत्य किया। यहां के रामलीला महोत्सव में शुक्रवार को देर शाम जब इन लीलाओं का प्रदर्शन किया गया तो रोज की अपेक्षा भीड़ काफी ज्यादा मेला मैदान में थी। महिलाएं भी सीता हरण की इस मैदानी लीला को देखने मौजूद थी। लीलाएं राम लक्ष्मण और सीता के पंचवटी में बैठे होने और इसी बीच स्वर्ण मृग बनकर आए मारीच के उछल कूद मचाने और कुटिया के चारों ओर विचरण करने के साथ आरंभ होती हैं। सीता स्वर्णमृग को देखकर लालायित हो उठती हैं। वह अपने पति से इस स्वर्ण मृग का आखेट करने और उसकी मृग छाला लाने के लिए जिद पर अड़ जाती हैं। भगवान राम पहले मना करते हैं, बाद में वह लक्ष्मण पर सीता की जिम्मेदारी सौंप मृग का शिकार करने चले जाते हैं। स्वर्ण मृग अपने पीछे भगवान राम को घने जंगलो में ले जाता हैं इसी बीच रावण की योजना अनुसार मृग बना मारीच हे लक्ष्मण. है सीता की आवाजें जोरों से निकलता है, जिन्हें सुनकर सीता विचलित हो जाती हैं और लक्ष्मण से कहती हैं कि तुम्हारे भैया संकट में है। लक्ष्मण खूब उन्हें समझाते की भैया कभी संकट में नहीं आ सकते। इस पर सीता आरोप- प्रत्यारोप करती लक्ष्मण को न जाने का बहाना बनाने का आरोप लगाती हैं। इस पर लक्ष्मण राम की खोज में निकलते हैं मगर पंचवटी कुटिया के चारों ओर एक रेखा खींच जाते हैं। मां सीता से कहते हैं कि वह कदापि इस रेखा के बाहर न निकले।
लक्ष्मण के जाते ही साधु वेश में लंकेश रावण कुटिया के पास एक भिक्षुक के रूप में आकर भिक्षामि देही… भिक्षामि देही की आवाजें लगाने लगता है। सीता भिक्षुक को आया देख कुटिया के भीतर से बाहर आती और लक्ष्मण रेखा के भीतर से ही जब वह भिक्षा देने लगती हैं ,तो साधु वेशधारी रावण नाराज होकर लौटने का उपक्रम करने लगता है। इस पर सीता को मजबूरन लक्ष्मण रेखा से बाहर निकल कर भिक्षा देनी पड़ती है। वह जैसे ही रेखा से बाहर आती हैं, रावण अपने असली रूप में आ जाता है और सीता को उठाकर अपने पुष्पक विमान में डालकर अपहरण करके ले चलता है।
माता सीता जमकर विलाप करने लगती हैंैं, जबकि पुष्पक विमान में बैठी सूर्पनखा जश्न में अपना होश को बैठती है। जब पुष्पक विमान आकाश से गुजर रहा था, तो सीता को भी अगवा कर ले जाया जाता देख जटायु ने विमान पर हमला कर दिया और एक बार भी तो रावण को बेहोश कर दिया, मगर बाद में रावण ने उसके पंख काट कर उसे मरणासन्न कर दिया और सीता सहित लंका की ओर बढ़ गया। इधर पंचवटी में जैसे ही राम और लक्ष्मण लौटते हैं और सीता को नहीं पाते हैं ,तो किसी दुर्घटना को लेकर वह सीता की खोज में निकल पड़ते हैं। वह खग मृग सभी से सीता का पता पूछते है। बाद में राम जटायु के पास पहुंचते हैं और उसका अंतिम संस्कार करते हैं। खोज के दौरान रास्ते में शबरी के आश्रम में पहुंचते हैं।जहां शबरी के प्रेम में झूठे बेर का प्रेम से रसास्वादन करते हैं। इस उपरांत दोनों किष्किंधा पर्वत पर पहुंचते हैं, जहां उनकी वानर राजों अंगद सुग्रीव हनुमान जामवंत आदि से मित्रता होती है। वहीं उन्हें पता चलता है, कि आकाश मार्ग से रावण सीता का अपहरण करके समुद्र पार अपनी राजधानी ले गया है। शुक्रवार को कबंध राक्षस का भगवान राम ने वध किया। सीता हरण आदि लीलाओं का निर्देशन रामलीला समिति के कार्यकारी अध्यक्ष हीरालाल गुप्ता, प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू ,व्यवस्थापक और उप प्रबंधक अजेंद्र सिंह गौर द्वारा किया गया। आज की लीलाओं में रावण की भूमिका, पिछले कई वर्षों से जोरदार भूमिका निभा रहे विशाल गुप्ता द्वारा की गई।मारीच के रूप में सदाशिव ,जटायू के रूप में श्रेयस मिश्रा और कबंध टीटू दुबे बने थे। मेले में इस बार पालिका प्रशासन ने बेहतर सफाई प्रबंध किए हैं। शांति व्यवस्था के लिए स्वयं क्षेत्राधिकारी अतुल प्रधान और थाना प्रभारी मुकेश कुमार सोलंकी भारी पुलिस बल के साथ सुरक्षा व्यवस्था संभाले हैं।
रामलीला में आज
शनिवार को रामलीला महोत्सव में बालि वध रावण हनुमान संवाद लंका दहन और अक्षय कुमार वध की लीलाएं होगी
*वेदव्रत गुप्ता
Madhav SandeshOctober 20, 2023