औरैया,अंत्येष्टि स्थलों पर चला 125 वें चरण का सफाई अभियान

औरैया,अंत्येष्टि स्थलों पर चला 125 वें चरण का सफाई अभियान

शहर के गंदे नालों के गिरने से आस्था की यमुना हो रही मैली ० यमुना नदी के जहरीले पानी से जलीय प्रजातियां हो रही विलुप्त ० स्नान के लिए नहीं कोई सुरक्षित स्थान, कैसे होगा यमुना तट पर कार्तिक पूर्णिमा का स्नान ० प्रदूषित पानी को निर्मल बनाने हेतु वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की मांग
एक विचित्र पहल सेवा समिति रजि.
औरैया द्वारा विगत 8 फरवरी 2015 प्रथम चरण से यमुना तट, औरैया के सौंदर्यीकरण व स्वच्छता अभियान के अंतर्गत 7 वर्षों से अनवरत यमुना तट, औरैया पर स्थित अंत्येष्टि स्थलों पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत समिति के सदस्यों द्वारा संचालित 124 चरणों में लगभग 43 टन कचरा यमुना नदी में जाने से रोका गया, आज दिनांक 14 नवंबर 2021 दिन रविवार को प्रातः 7 बजे से समिति के सदस्यों द्वारा सर्द ऋतु के कोहरे में 125 वें चरण का सफाई अभियान चलाया गया जिसके अंतर्गत सफाई यंत्रों के सहयोग से लगभग दो कुन्तल कचरा अपशिष्ट एकत्रित कर आग द्वारा नष्ट किया गया, उसके उपरांत यमुना तट पर स्थित राम झरोखा में बैठक का आयोजन किया गया, बैठक में यमुना तट पर व्याप्त जन-समस्याओं पर बिंदुवार विचार विमर्श किया गया, समिति के संस्थापक आनन्द नाथ गुप्ता एडवोकेट ने बैठक में बताया कि शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के कई गंदे नाले यमुना नदी में अनवरत गिर रहे हैं, जिससे नदी का पानी लगातार काफी प्रदूषित होता जा रहा है, जिससे जलीय प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं, तथा अपनी धार्मिक आस्था के चलते पर्वो पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं, उन्होंने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की मांग की है। बैठक में सभासद छैया त्रिपाठी ने बताया कि यमुना तट पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं है, *जिस विश्रात पर श्रद्धालु धार्मिक पर्वो पर श्रद्धा से स्नान करते थे, उसके आसपास अभी भी बाढ़ के पानी की सिल्ट व पानी भरा हुआ है, जिसके चलते कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा*, तट पर स्थित बहु प्राचीन विश्रांत पर स्नान करते समय अनभिज्ञता के चलते कई लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं, गौरतलब है कि धार्मिक पर्वो पर शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों व महिलाओं को स्नान के उपरांत वस्त्र बदलने के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं है, उन्होंने यमुना तट पर प्राचीन विश्राम के निकट शेड युक्त बरामदा व स्नानागार बनवाने की मांग की हैं। समिति के संस्थापक ने करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र यमुना नदी की धार्मिक आस्था के चलते उसको स्वच्छ व निर्मल बनाने हेतु उसमें लोगों से गंदगी न डालने की अपील की है। यमुना तट पर मौजूद समिति के सदस्यों ने आस्था की यमुना को प्रदूषण व गंदगी मुक्त रखने की शपथ ली। अभियान व बैठक में प्रमुख रूप से बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी तेज बहादुर वर्मा, शेखर गुप्ता, जूनियर शाखा अनमोल के अध्यक्ष शिक्षक शिवम गुप्ता, भाजपा नेता दीपक सोनी, अजय पोरवाल, अर्पित गुप्ता, हर्ष गुप्ता, रज्जन बाल्मीकि आदि यमुना मैया के सेवादार मौजूद रहे।

ए, के, सिंह संवाददाता

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