अपनी डाइट में ये बदलाव करके आप भी खुद को रख सकते हैं फिट एंड फाइन, जानिए कैसे

हम दिनभर में जो भी खाते-पीते हैं, जरूरी नहीं कि वह शरीर के लिए फायदेमंद ही हो। आयुर्वेद में हर चीज के खाने-पीने का समय मौसम और लोगों की शारीरिक बनावट (प्रकृति) के अनुसार तय किया गया है। आयुर्वेद के अनुसार क्या और कब खाना चाहिए.

कार्बोहाइड्रेट्स ऊर्जा का त्वरित स्रोत होता है. चावल, गेहूं, मक्का, जौ, ड्राइ फ्रूट्स, शहद, गुड़ कार्बोहाइड्रेट्स के प्रमुख स्रोत होते हैं.आयुर्वेद के अनुसार, भोजन में 6 रस शामिल होने चाहिए। ये 6 रस हैं- मधुर (मीठा), लवण (नमकीन), अम्ल (खट्टा), कटु (कड़वा), तिक्त (तीखा) और कषाय (कसैला)।

प्रोटीन आपके शरीर का मुख्य घटक होता है. ये मांसपेशियों, इंडोक्राइन ग्लांड, अंगों, त्वचा, बाल, नाखुन, सीरम को मजबूत बनाए रखता है. शरीर की वृद्धि और विकास के लिए प्रोटीन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.प्रोटीन के स्रोत- गाय का दूध, टोफू, अंडा, सोयाबीन, खिचड़ी, चिकन, छेना इत्यादि प्रोटीन के अहम स्रोत होते हैं.

शरीर के विकास और अच्छे स्वास्थ्य के लिए कम मात्रा में विटामिन ए, बी, ई, के, बी ग्रुप और विटामिन सी की जरूरत होती है.विटामिन के स्रोत- ताजा फल, डेयरी उत्पाद, अंडे, आंवला, अनाज और अखरोट

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