मैनपुरी सीट पर डिंपल के उतरने से भाजपा को उतारना होगा ‘स्टार’ कैंडिडेट

*शिवपाल के रुख पर तय होगा चुनाव परिणाम

फोटो:-डिंपल यादव अपने पति और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ

वेदव्रत गुप्ताजसवंतनगर/सैफई (इटावा)। मैनपुरी लोकसभा चुनाव को लेकर आखिर समाजवादी पार्टी ने अपने पत्ते खोल दिए और इस चुनाव में पार्टी डिंपल यादव पर दांव लगाएगी।

डिंपल यादव, जो कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की धर्मपत्नी है, साथ ही वह कन्नौज से कई बार सांसद रह चुकी हैं। उन्हें 5 बार लोकसभा चुनाव लड़ने का अनुभव भी है। तीन बार वह संसद सदस्य भी रह चुकी हैं

उल्लेखनीय है कि मैनपुरी संसदीय सीट सदैव से समाजवादी पार्टी की गढ़ रही है। मुलायम सिंह यादव ने जब से इस सीट पर चुनाव लड़ना शुरू किया था। उसके बाद या तो वह अथवा उनके परिवार के धर्मेंद्र यादव और तेज प्रताप यादव को ही मैनपुरी की जनता द्वारा अपनी बागडोर सौंपी गई थी। जब मुलायम सिंह यादव मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ते थे, उससे पूर्व यहां कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व रहता था और बलराम सिंह यादव यहां से चुनाव जीते थे। मुलायम सिंह या उनके परिवार का कोई सदस्य कभी मैनपुरी से चुनाव नहीं हारा।

2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की लहर के बावजूद भी मुलायम सिंह यादव इस संसदीय सीट से एक लाख वोटों के लगभग जीते थे। हालांकि विजय के बाद अपने स्वास्थ्य कारणों से मुलायम सिंह यादव मैनपुरी में बहुत ही कम आ पाते थे। इसलिए उन्होंने अपने पौत्र और यहां के पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव को अपना प्रतिनिधि बनाकर क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंप रखी थी।

मैनपुरी जनपद के समाजवादी रंग में सदैव से रंगे होने के कारण ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले विधानसभा चुनाव में इसी जिले की करहल विधानसभा से चुनाव लड़ा था और वह करीब 60 हजार वोटों से केंद्रीय मंत्री एस पी सिंह बघेल के मुकाबले विजई हुए थे।

मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई यहां की संसदीय सीट पर यह उपचुनाव हो रहा है। इस बात की चर्चा थी कि पूर्व सांसद और मुलायम सिंह यादव के प्रतिनिधि के रूप में यहां का काम देख रहे तेज प्रताप सिंह यादव को ही पार्टी चुनाव लड़ाएगी, मगर समाजवादी पार्टी नेतृत्व ने तेजप्रतप।सिंह की बजाय डिंपल यादव का नाम घोषित करके भारतीय जनता पार्टी में भी खलबली मचा दी है।

अब तक पार्टी की ओर से शाक्य नेता और पूर्व सांसद रघुराज सिंह को टिकट दिए जाने की चर्चा जोरों पर चल रही थी ,मगर अब भारतीय जनता पार्टी उनके नाम पर डिंपल के मुकाबले शायद ही कोई फैसला ले। क्योंकि डिंपल यादव एक स्टार नेता है साथ ही अखिलेश यादव की धर्मपत्नी भी है, इसलिए समाजवादी पार्टी उन्हें चुनाव जिताने में कोई कोर कसर बाकी रखने वाली नहीं है।

बताया गया है कि मैनपुरी संसदीय सीट पर यादव मतदाताओं के बाद शाक्य और पाल गडरिया समाज के वोटरो की संख्या ज्यादा हैं, इसलिए ही भाजपा से जुड़े एक पाल समाज के नेता द्वारा ही नामांकन का सेट खरीदा गया है। उम्मीद की जा रही है कि भाजपा हाईकमान अब किसी स्टार या पार्टी के कद्दावर नेता को ही चुनाव मैदान में उतारेगी। रघुराज शाक्य पर शायद ही अब दांव लगाए। बताया गया है कि डिंपल यादव के नाम पर अखिलेश यादव से नाराज चल रहे , प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी समर्थन दे देंगे। जसवंतनगर और करहल विधानसभा क्षेत्र मैनपुरी क्षेत्र में आते हैं, शिवपालसिंह का इन दोनों क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव है। शिव पाल सिंह सन 1996 से लगातार जसवंतनगर से विधायक है। जसवंत नगर से सदैव लंबी जीत हासिल करते रहे हैं। पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव में भी वह 90हजार वोटों से जीते थे, इसलिए यदि शिवपालसिंह का साथ डिंपल यादव को खुलकर मिला ,तो उनकी जीत में कोई अडंगा लगने वाला नहीं है।

इस स्थिति मेंभारतीय जनता पार्टी को डिंपल यादव के मुकाबले उतारने के लिए अब कोई सुनियोजित रणनीति अपनाने के साथ, किसी नामी गिरामी उम्मीदवार।को उतरना पड़ेगा,तभी वह मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में अपनी पकड़ बना सकेगी।

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