शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर बंशी धारण किए ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन कर धन्य हुए भक्त
लोकेशन /- वृंदावन ( मथुरा )/ रिपोर्ट /- प्रताप सिंह
वृंदावन। शरद पूर्णिमा के पावन मौके पर रविवार को धर्म नगरी वृंदावन में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जहाँ श्रद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र जब प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर रहा। यहां भक्तों ने पर्व के अनुरूप विशेष पोशाक एवं बाँसुरी धारण किए हुए ठाकुर बाँकेबिहारी महाराज के दर्शन कर पुण्यलाभ अर्जित किया। बता दें कि वर्षभर में एक दिन केवल शरद पूर्णिमा पर ही ठाकुर बाँकेबिहारी महाराज मोर मुकुट, कटि-काछनी व बंशी धारण कर स्वर्ण-रजत जड़ित सिंहासन पर विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। इस मनोहारी झांकी के दर्शन करने के लिये आये देश-विदेश के श्रद्धालु भक्तों का प्रातः से ही मंदिर पर सैलाब उमड़ने लगा। जिसके चलते मंदिर के आंतरिक और बाहरी परिसर समेत आसपास के क्षेत्र में भक्तों की लाइन लगी रही। भारी बरसात के बीच भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। श्रद्धालुओं ने जब मन्दिर के आंतरिक परिसर में चन्द्रमा की धवल चाँदनी में श्वेत पोशाक व विशेष श्रृंगार से सुसज्जित एवं बंशी धारण किए अपने आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी की मनोहारी झाँकी को देखा तो एकटक निहारते रह गए और स्वयं धन्य मान हाथ उठाकर जयघोष करने लगे। जिससे समूचा परिसर बाँकेबिहारी की जै-जैकार से गुँजायमान हो उठा। वहीं शरद पूर्णिमा के पावन मौके पर मंदिर का वातावरण भी भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था। जहां ठाकुरजी का श्वेत रंग का शृंगार के अलावा परदे सहित सम्पूर्ण मन्दिर परिसर को भी सफेद रंग के ही गुब्बारे आदि से सजाकर भव्यता प्रदान की गई थी। यहाँ तक कि ठाकुरजी को भोग प्रसाद भी सफेद रंग की खाद्य सामग्री पंचमेवा युक्त खीर व चन्द्रकला आदि से ही लगाया गया।