आखिर नगरपंचायत नधा(तालाब) के सुन्दरीकरण का कार्य शुरू कब करायेगी

नधा के सुन्दरीकरण पर पच्चीस लाख हो चुके हैं खर्च, अब एक करोड 14 लाख में कैसे होगा सुन्दरीकरण - पूछती है जनता

पंकज शाक्य

किशनी/मैनपुरी- नगरपंचायत में वैसे तो कोई सराहनीय कार्य पिछले चार वर्षों में नहीं किया गया है। पर तीन कार्य थे जिन्हैं पूरा करने के लिये अधिशाषी अधिकारी ने कहा भी था कि जून के माह में कार्य शुरू हो जायेंगे। पर अगस्त समाप्त होने को है और अभी तक कार्य शुरू नहीं किये जा सके हैं।
कस्बे के बीचोबीच स्थित नधा तालाब के सुन्दरीकरण के लिये पूर्व चेयरमैन जैसीराम यादव ने काफी प्रयास किये थे। यह उनका प्रयास ही था कि उन्होंने एक करोड उन्तालीस लाख रूपये नधा के सुन्दरीकरण के लिये शासन से मंजूर करा लिये थे। नगरपंचायत द्वारा पच्चीस लाख सुन्दरीकरण के नाम पर खर्च कर भी लिये गये थे। जो अब बेकार हो चुके है। कारण इन पच्चीस लाख को किसी पक्के निर्माण के लिये नहीं वल्कि सिल्ट सफाई तथा अन्य मदों के नाम पर खर्च किया गया था। पर आश्चर्य है कि अभी तक इसपर कार्य शुरू नहीं किया जा सका है। यही हाल इटैली के तालाब का है। एक और कार्य जो अभी तक प्रारम्भ नहीं किया जा सका वह है सीएचसी के सामने का नाला। यह कार्य भी करीब 12 लाख का है। उक्त तीनों कार्यां में सबसे महत्वपूर्ण है नधा का सुन्दरीकरण। बताते चलें कि नधा के सुन्रीकरण का कार्य करीब चार वर्ष पूर्व ही शुरू हो चुका था। कई दिनों तक जेसीबी मशीन से नधा की तलहटी में वर्षों से जमी सिल्ट को निकाला गया। साथ ही एक दो अन्य कार्य भी किये गये। इसके बाद नगरपंचायत के चुनावों में जैसीराम यादव दुबारा नहीं चुने जा सके। दूसरे चेयरमैन के कार्यकाल के दौरान इस कार्य को ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया। इस कारण गत चार वर्षों में नधा की हालत जस की तस हो गई। तालाब से निकाली गई मिट्टी बरसात के कारण दुबारा तालाब में समा गई। अब हर कोई यह जबाव देने से कतरा रहा है कि खर्च हो चुके पच्चीस लाख की भरपाई कैसे होगी। क्योंकि ठेकेदार को नधा की तलहटी में जमी सिल्ट दुबारा निकबानी पडेगी। इस बारे में जब जेई राजीब सोनकर से बात की तो उन्होंने हर बात का घुमाफिराकर जबाब दिया। उनका कहना था कि हम ठेकेदार को बोल दे रहे है कि काम जल्दी शुरू करायें। बार बार पूछने पर भी उन्होंने जबाव नहीं दिया कि आखिर पच्चीस लाख जिसे नगरपंचायत ने खर्च कर दिया है वह कार्य दुबारा किस पैसे से कराया जायेगा। यदि बचे पैसों से कराया जायेगा तो अन्य कार्य मानकों के अनुरूप कैसे होंगे जबकि गत चार सालों में मंहगाई भी बढी है। जेई का कहना है कि अब तहसील से नक्शा आगया है। पर सोचनीय है कि बिना नक्शा पास हुये नधा पर काम कैसे शुरू हुआ था तथा पच्चीस लाख कैसे खर्च किये गये थे। इससे स्पष्ट हो रहा है कि दाल में कुछ काला नहीं है वल्कि सारी दाल ही काली है। जेई ने यह भी जबाव नहीं दिया कि कार्य में विलम्ब क्यों हो रहा है। मुहल्ला हवेली के वाशिन्दों का कहना है कि नगरपंचायत को जल्दी से जल्दी सुन्दरीकरण का कार्य करना चाहिये ताकि गन्दगी और प्रदूषण से उनको छुटकारा दिलाया जा सके। इसके अलाबा तालाब के आसपास नगरपंचायत की जमीन पर कुछ लोगों द्वारा किये गये अबैध कब्जे भी अभी तक नहीं हटाये गये।

 

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