इटावा। जन शिक्षण संस्थान ने महेवा ब्लॉक के व्यासपुरा ग्राम में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मेंहदी प्रतियोगिता, गीत, नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम निदेशक हरिनारायण बाजपेयी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण कर शुभारंभ किया।

समूह सखी मीना ने कहा व्यक्ति नारी को अपने तरीकों से इस्तेमाल करने की कोशिश करता है जो कि बहुत ही अपमानजनक और चिंताजनक बात है।आज की दशा को देखते हुए यह बहुत जरूरी है कि हम नारी के सम्मान को बचाएं और अपने देश की संस्कृति का भी पालन करें। अवहेलना, भ्रूण हत्या और नारी की अहमियत न समझने के परिणाम स्वरूप महिलाओं की संख्या, पुरुषों के मुकाबले आधी भी नहीं बची है। इंसान को यह नहीं भूलना चाहिए, कि नारी द्वारा जन्म दिए जाने पर ही वह दुनिया में अस्तित्व बना पाया है और यहां तक पहुंचा है। उसे ठुकराना या अपमान करना सही नहीं है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी, दुर्गा व लक्ष्मी आदि का यथोचित सम्मान दिया गया है अतः उसे उचित सम्मान दिया ही जाना चाहिए। आशा ट्रेनर जय शिव मिश्रा ने कहा अपने व्यक्तित्व को समुन्नत बनाकर राष्ट्रीय समृद्धि के संबंध में नारी कितना बड़ा योगदान दे सकती है इसे उन देशों में जाकर आंखों से देखा या समाचारों से जाना जा सकता है जहां नारी को मनुष्य मान लिया गया है और उसके अधिकार उसे सौंप दिए गए हैं, नारी उपयोगी परिश्रम करके देश की प्रगति में योगदान तो दे ही रही है साथ ही साथ परिवार की आर्थिक समृद्धि भी बढ़ा रही है। निदेशक हरिनारायण बाजपेयी ने कहा आज की महिला निर्भर नहीं हैं। वह हर मामले में आत्मनिर्भर और स्वतंत्र हैं और पुरुषों के बराबर सब कुछ करने में सक्षम भी हैं। हमें महिलाओं का सम्मान जेंडर के कारण नहीं, बल्कि स्वयं की पहचान के लिए करना होगा। हमें यह स्वीकार करना होगा कि घर और समाज की बेहतरी के लिए पुरुष और महिला दोनों समान रूप से योगदान करते हैं। यह जीवन को लाने वाली महिला है। कार्यक्रम में मेंहदी प्रतियोगिता के प्रमाण पत्र प्रदान करने के पश्चात व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली प्रशिक्षु को प्रमाण पत्र दिया गया। कार्यक्रम में चंदन पोरवाल, इन्दू, मधु, मधुमाला, शारदा श्रीवास्तव, ममता, ऋतु के साथ 40 महिला उपस्थित रही।

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