गम का प्रतीक मोहर्रम का महीना आज से होगा शुरू, इमाम बारगाहों में अलम सजे
इटावा। मोहर्रम का महीना गम का प्रतीक है, चांद दिखने के बाद मोहर्रम आज 20 जुलाई से शुरू हो रहे हैं। शहीदाने कर्बला की याद में इमामबाड़ों में अलम ताजिये सज गए हैं। मोहर्रम के 10 दिन तक जहां सुन्नी समाज के लोग शहीदाने कर्बला की याद में सजैरी, अलम, ताजियों के जुलूस निकालते हैं वहीं शिया समाज के लोग सजैरी, अलम, ताजियों के जुलूस निकालकर गमे हुसैन मनाते हैं।
अंजुमन हैदरी कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शावेज़ नक़वी ने बताया शिया समाज की ओर से एक मोहर्रम से 9 मोहर्रम तक कदीमी (परम्परागत) मजलिसे होंगी, पहली मजलिस गुलामुस सैयदेन की ओर से शाम 5 बजे पक्की सराये स्थित बड़े इमामबाड़े में होगी, मजलिसों को मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी इमामे जुमा इटावा खिताब फरमाएंगे। इस मजलिस के बाद राहत अक़ील की ओर से सैदबाड़ा स्थित कदीमी इमामबाड़े में दूसरी मजलिस होगी मजलिसों को मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी इमामे जुमा इटावा खिताब फरमाएंगे। तीसरी मजलिस रात 8 बजे शारिक सगीर शानू की ओर से इमाम बारगाह आलमपुरा में होगी मजलिस को जनाब मिर्ज़ा अज़हर अब्बास दिल्ली खिताब फरमाएंगे। चौथी मजलिस रात 9रू30 बजे घटिया अज़मत अली इमाम बारगाह राहत हुसैन रिजवी की देखरेख में में होगी मजलिस को मौलाना जनाब शमशुल हसन खान जौनपुरी इमामे जुमा बरेली शरीफ व 6, 9 व 10 मोहर्रम की मजलिस को मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी इमामे जुमा इटावा खिताब फरमाएंगे और इस मजलिस के फौरन बाद पांचवी मजलिस नौरंगाबाद स्थित इमाम बारगाह वक्फ तमीजनन व काजमी में मुतवल्ली राहत हुसैन की ओर होगी। इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी मजलिसों का आयोजन किया जाएगा। कौमी तहफ्फुज कमेटी के संयोजक खादिम अब्बास ने बताया कि सुन्नी समाज की ओर से शहीदाने कर्बला की याद में इमामबाड़ों में अलम ताजिये सज गए हैं । एक मोहर्रम से विभिन स्थानों से सजैरी के जुलूस व अलम सददो के जुलूस निकलेंगे, 8 मोहर्रम की रात्रि में मेहदी का जुलूस परम्परागत तरीके से निकलेगा। मोहर्रम की 10 तारीख को मोहर्रम के अलविदाई ताजियों का जुलूस निकलेगा। इसके अलावा विभिन्न इमाम बाड़ों में जिक्र शहीदाने कर्बला के साथ फ़ातिहा होगी।