कर्बला इंसानियत व मोहब्बत का संदेश देती- मौलाना ज़ैदी
इटावा। मोहर्रम की इस्तकबाले अज़ा की स्व. दीवान शमशुल हसन द्वारा स्थापित मजलिस दरगाह मौला अब्बास महेरे पर नफीसुल जैदी और चांद रात की मजलिसें सैदबाड़ा शरीफ मंजिल स्थित इमामबाड़े में राहत अक़ील की ओर से आयोजित की गईं।
मजलिसों में तकरीर करते हुए मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी इमामे जुमा इटावा ने कहा रसूल ने दीन को फैलाया और इमाम हुसैन ने उस दीन को कर्बला में कुर्बानी देकर बचाया। उसी हुसैन का गम मनाने के लिए अजादार तैयार हैं। इमाम हुसैन ने एक दिन में अपना सब कुछ अल्लाह की राह में कुर्बान कर दिया। मजलिसों में वजू के साथ आएं। कर्बला में मौला अब्बास ने भी अहम भूमिका निभाई। मजलिसों में रूहानी व जिस्मानी दोनों गिजा मिलती हैं। कर्बला हमे यही सन्देश देती है कि दूसरों के साथ इंसानियत और मोहब्बत से पेश आओ और कोई ऐसा काम न करो जिससे किसी का दिल दुखे। शावेज़ नक़वी ने बताया कि एक मोहर्रम 20 जुलाई को पहली मजलिस आदिल अख्तर गुड्डू की ओर से सुबह 7रू30 बजे इमामबाड़ा अज़मत अली और इसी दिन दूसरी मजलिस सुबह 9 बजे मिश्री टोला में रज़ी हैदर की ओर से होगी। मजलिसों में तसलीम रजा, सलीम रज़ा ने सोजख्वानी की, सलमान रिज़वी ने कलाम पेश किए और तनवीर हसन ने नोहाख्वानी की। उक्त मजलिसों में हाजी कमर अब्बास नक़वी, शावेज़ नक़वी, मो. अब्बास, मो. मियां, अली साबिर, हसन अब्बास, खुर्शीद जाफरी, राहत हुसैन रिज़वी, जुनैद, सुहेल, जावेद, खुशनसीब, तहसीन रज़ा, अयाज हुसैन, अश्शू, सफीर हैदर, शब्बर अक़ील, सोनू, शादाब हसन, अब्बास मेंहदी राजा, आले रजा नक़वी, आतिफ एड., शौजब रिज़वी, सैफू, हम्माद, शारिब, आरिफ रिज़वी, शाद हसन, अमान सहित बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।