महामाया बुद्ध विहार के 12वें स्थापना दिवस पर आयोजित बौद्ध महोत्सव में भगवान बुद्ध की लोक कल्याणकारी शील शिक्षाओं पर चर्चा

माधव संदेश /ब्यूरो चीफ जय सिंह यादव

रायबरेली जनपद के अमावां विकास खंड स्थित रुकुनपुर बैखरा में महामाया बुद्ध विहार के 12वें स्थापना दिवस पर आयोजित बौद्ध महोत्सव में भगवान बुद्ध की लोक कल्याणकारी शील शिक्षाओं पर चर्चा की गई। शाक्य शिव कुमार मौर्य द्वारा स्थापित बुद्ध विहार में सबसे पहले बौद्ध भिक्षु भन्ते धम्मपाल जी ने बुद्ध वंदना की। तत्पश्चात् उपस्थित लोगों को त्रिशरण और पंचशील ग्रहण कराकर धम्म देसना की। मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय बौद्ध महासभा के जिला अध्यक्ष बौद्धिक एवं सामाजिक चिंतक डॉ सुनील दत्त ने भगवान तथागत बुद्ध और उनकी कल्याणकारी शिक्षाओं को पुनर्जीवित करने वाले भारत की 5 महान विभूतियों- सम्राट अशोक, सम्राट कनिष्क, सम्राट हर्षवर्धन, डॉ अंबेडकर और कुमारी मायावती के कार्यों का विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने डॉ. अंबेडकर को कोट करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति या समाज का अपना इतिहास नही होता है, उसकी कोई पहचान नहीं होती है। जिसकी कोई पहचान नहीं होती है, उसका कोई अस्तित्व और महत्व नही होता है। इस तरह अस्तित्व विहीन और महत्वहीन व्यक्ति और समाज कभी शासक नहीं बन पाता है। इसलिए अपने इतिहास का होना आवश्यक है। इस कड़ी में ऐतिहासिक महापुरुष तथागत बुद्ध के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला।

बौद्ध महोत्सव को संबोधित करते हुए इंजीनियर वंश बहादुर यादव ने कहा कि बुद्ध की शिक्षाएं पहले भी कल्याणकारी थीं, आज भी हैं और भविष्य में भी रहेंगीं। भारतीय बौद्ध महासभा के महामंत्री प्रमोद कुमार बौद्ध ने डाकू अंगुलिमाल की गाथा सुनाई। अंगुलिमाल बुद्ध की बाणी से प्रभावित होकर हिंसा का मार्ग छोड़ बुद्ध की शरण गही। समाजसेवी जितेंद्र कुमार मौर्य एवं वीरांगना झलकारी बाई कल्याण एवं विकास परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष रामसमुझ लाल धीमान ने अन्धविश्वास और नशा से विरत रहने की शिक्षा दी।बौद्धाचार्य बिंदा प्रसाद, डीडी कुशवाहा, आर.सी. मौर्य, अरुण कुमार यादव आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट शाक्य एस.एन. मानव ने किया। इस बौद्ध महोत्सव की अध्यक्षता भगत बुद्ध विहार के संस्थापक रामस्वरूप मौर्य ने किया। आयोजक शाक्य शिव कुमार मौर्य ने आए हुए अतिथियों को धम्म पट्टिका पहनाकर उनका स्वागत किया। अंत में भन्ते धम्मपाल जी ने मंगल मैत्री की कामना के साथ कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।

 

 

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