चातुर्मास समाप्त करके आचार्य आदित्य सागर विहार पर रवाना

   *जैन अनुयायियों ने दी अश्रुपूरित विदाई     *चलते-चलते दिया आपसी एकता का संदेश

फोटो:- जसवंत नगर से बिहार करते जैन मुनि आदित्य सागर जी महाराज और विदाई प्रवचन देते

जसवंतनगर (इटावा)। पिछले 4 महीनो से नगर में चातुर्मास कर रहे जैन संत आचार्य आदित्य सागर जी महाराज सोमवार को नगर से विहार पर रवाना हो गए। यहां से वह शाम को वैदपुरा स्थित तिरुपति कोल्ड स्टोरेज में पहुंचकर विश्राम करेंगे। उसके बाद सुबह कुनैरा, इटावा रवाना होंगे, जहां से बाद में बटेश्वर और फिर आगे जाएंगे।फोटो:- जसवंत नगर से बिहार करते जैन मुनि  आचार्य आदित्य सागर की विदाई वेला में बड़ी संख्या में जैन धर्म के लोग और महिलाएं अश्रुपूरित होकर उन्हें विदाई दे रही थी। जुलूस के रूप में आचार्य को भारी भीड़ ने छिमारा रोड पर नमोस्तु की। जहां से महाराज वैदपुरा के लिए पैदल आगे बढ़ गए।

इससे पूर्व जैन धर्मशाला में अपनी विदाई वेला पर प्रवचन करते आदित्य सागर महाराज ने कहा कि लोकतंत्र में एकजुटता का काफी काफी बड़ा महत्व है अतः सभी समाज के लोगों को आपसी एकता के साथ रहना चाहिए। एकता ने ही चातुर्मास को काफी सफल बनाया है। उन्होंने एक उदाहरण दिया। एक पिता के 4 पुत्र थे। अंतिम समय में उन्होंने चारों पुत्रों को बुलाकर उन्हें चार लकड़ियां लाने को कहा। फिर उनसे कहा कि इन लकड़ियों को एक एक करके तोड़ो। सभी ने एक ही बार में अपनी अपनी लकड़ियां तोड़ दी। बाद में पिता ने एक बेटे को चारों लकड़ियां एक साथ तोड़ने को दी, तो वह नहीं टूटी।

इस उदाहरण से आचार्य ने बताया कि आपसी एकता कभी खंडित नहीं होती। उनके विहार से दुखी हो रहे लोगों को उन्होंने बताया कि पानी जितना बहेगा, उतना ही पवित्र होगा और ठहर जाएगा तो उसमें काई लग जायेगी।

इसी प्रकार मुनिराज जितना विचरण करेगे उतनी विशुद्धि बढ़ेगी। सभी जैन धर्मानुयायियों से भगवान महावीर के सभी उपदेशों को पालन करने और नित्य मंदिर जाने की सलाह दी। विदाई से पूर्व सभी जैन धर्म भाइयों ने उनका पाद प्रक्षालन किया। बिहार के दौरान हर जैन धर्म के द्वार पर उनकी आरती उतारी गई।

मंच संचालन कर्ता आशीष जैन, चेतन जैन,विवेक जैन,रोहित जैन आदि ने भरे मन से उदगार व्यक्त किये।चातुर्मास कमेटी के विभिन्न पदाधिकारी व जैनअनुयाई राजेश जैन, अंकुर जैन,राज कमल जैन ,मोहित जैन, आराध्य जैन, मणिकांत जैन, शिवकांत जैन,राजकुमार जैन, अंकित जैन ,एकांश जैन ,अतुल जैन,सचिन जैन,प्रखर जैन, मनोज जैन,विनीत जैन,नितिन जैन, प्रवीण जैन पिंटू, विनोद जैन निक्का जैन, सत्यप्रकाश जैन, बल्ले जैन,अर्चना जैन,सुप्रिया जैन, वीना जैन, सुमन जैन, मोनिका जैन, साधना जैन, जॉली जैन, सुधा जैन, रीति जैन, निशी जैन, अनीता जैन आदि विहार जुलूस में महाराज जी के साथ चल रहे थे।

*वेदव्रत गुप्ता

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