इटावा, सातवीं मोहर्रम: जुल्फकार-अलम चौकियों का उठा जुलूस*

श्रद्धालुओं ने मांगी मन्नतें,स्टील बर्तनों की हुई लुट्स

*सातवीं मोहर्रम: जुल्फकार-अलम चौकियों का उठा जुलूस*

● श्रद्धालुओं ने मांगी मन्नतें,स्टील बर्तनों की हुई लुट्स,

इटावा। हजरत इमाम हुसैन और शहीदाने कर्बला की यादगार में इटावा जनपद सहित आस-पास की तहसील कस्बा व नगर क्षेत्रों में सातवीं मोहर्रम पर जुल्फकार और अलम चौकियों का जुलूस उठाया गया।
इटावा शहर के मोहल्ला शाह महमूद और नौरंगाबाद के इमामबाड़ा से आलम चौकियों व जुल्फकार का जुलूस उठाया गया,जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। जुलूस की अगुवाई मोहम्मद उस्मान वारसी बी०के०टेलर ने की। जुलूस के आगे जुल्फकार व अलम ध्वज चल रहे थे तथा ढोल ताशे के साथ अकीदतमंद मातम कर रहे थे।
अलम चौकियों सद्दौं के इस जुलूस ने शहर के प्रमुख मार्गो का भ्रमण किया जहां पर श्रद्धालुओं ने हजरत इमाम हुसैन को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए जुलूस में चल रहे लोगों के ऊपर अपनी सामर्थ्य और श्रद्धा से स्टील के बर्तनों के साथ वस्त्र व खाद्य सामग्री की लुट्स की,जिसे श्रद्धालुओं ने उसे लूटा। इसलिए सात मोहर्रम को निकलने वाले जुलूस को लुटटस जुलूस भी कहते हैं।
जुलूस के अगले भाग में जुल्फकार में दो चमचमाती तलवारें लटक रही थीं, जिसमें श्रद्धालुजन अपनी मन्नतें पूरी होने के उपरांत चांदी का नींबू चढ़ाते देखे गये।
इस वर्ष भी स्वर्गीय झम्मन लाल गुप्ता के परिजनों ने अपनी पुरानी परंपरा को जीवंत बनाते हुए अलम चौकियों और जुल्फकार जुलूस पर हजारों रुपए के स्टील बर्तनों की लुट्स की, इस पुनीत कार्य में हरि ओम नारायण गुप्ता,उमेश गुप्ता,दिनेश गुप्ता,राकेश गुप्ता,ब्रह्म नारायण,आनंद व राजीव गुप्ता की उपस्थिति में लुट्स को अंजाम दिया गया।

उल्लेखनीय है स्वर्गीय झम्मन लाल गुप्ता की हजरत इमाम हुसैन व शहीदाने करबला पर असीम श्रद्धा थी। और वह मोहर्रम माह का बहुत सम्मान करते थे। स्वर्गीय झममन लाल को भयंकर बीमारी के बाद इसी माह मोहर्रम में नई जिंदगी हजरत इमाम हुसैन के इसी शहादत माह के दिनों में मिली थी। आज भी स्वर्गीय स्वर्गीय झम्मन लाल गुप्ता के मकान के सामने से जब जुलूस गुजरता है तब वहां पर हजारों लोग एकत्रित होते हैं और जहां पर बेशुमार बर्तनों की लुट्स को देखते हैं। सांप्रदायिक सौहार्द का यह अनूठा संगम सभी को इंसानियत की सीख देता है। यहां पर साक्षात रुप से गंगा-जमुनी साझा संस्कृति और सभ्यता के दर्शन होते हैं जिसकी आज आवश्यकता संपूर्ण भारत को है।
कौमी तहफ्फुज कमेटी के संयोजक खादिम अब्बास ने बताया कि आठवीं मोहर्रम को जुल्फकार और अलम चौकियों के इस जुलूस की वापसी होगी तथा आठवीं व नवीं मोहर्रम को स्थानीय कटरा साहब खां स्थित हजरत अबुल हसन शाह वारसी दरगाह के इमामबाडा से शहीदाने करबला हजरत कासिम की यादगार में मेहंदी का उठने वाला जुलूस शहर की प्रमुख बस्तियों से गुजरेगा।

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