इटावा *लायन सफारी की तर्ज पर बनेगी ‘काऊ सफारी’* चारागाह या बीहड़ की जमीन पर बनाने की तैयारी,
पशुपालन विभाग को 60 एकड़ भूमि की तलाश,
*लायन सफारी की तर्ज पर बनेगी ‘काऊ सफारी’*
● इटावा में पशुपालन विभाग को 60 एकड़ भूमि की तलाश,
● चारागाह या बीहड़ की जमीन पर बनाने की तैयारी,
इटावा। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इटावा में लायन सफारी बनवाई थी। अब प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की सरकार भी इसी तर्ज पर इटावा में ‘काऊ सफारी’ बनवाने जा रही है। यह काऊ सफारी जनपद के चारागाह या बीहड़ की पड़ी जमीन पर बनाने की तैयारी है। जनपद में चारागाह की जमीनों पर जहां भी अवैध कब्जे हैं,उन्हें खाली कराया जा रहा है।
आपको बतादें काऊ सफारी के लिए पशुपालन विभाग को 60 एकड़ जमीन की तलाश है। जिसमे गायों के लिए हरी घास के मैदान बनाए जाएंगे। साथ ही गायों के संरक्षण के लिए अभयारण्य भी बनाया जाएगा। फिलहाल पशुपालन विभाग अभी तक जमीन की तलाश नहीं कर पाया है,लिहाजा पहले जमीन की तलाश खत्म होगी तब कहीं जाकर छुट्टा गौवंशों को काऊ सफारी में जगह मिलेगी।
बतादें,प्रदेश सरकार ने गायों के संरक्षण के लिए काऊ सफारी बनाने का ऐलान किया है। नए प्रोजेक्ट के तहत गायों के लिए यहां बनने वाले शेल्टर कान्हा उपवन के तरह होंगे। हर एक शेल्टर की क्षमता एक हजार गायों की होगी। इस समय बड़ी संख्या में गोशालाओं में छुट्टा मवेशियों को रखा गया है। जिले में शहरी व ग्रामीण इलाकों में 112 गोशाला संचालित हैं।
पशुपालन विभाग का दावा है कि विगत वर्ष 1990 की पशु गणना के अनुसार उन्हें 10,841 छुट्टा गोवंश का संरक्षण करना था,जबकि वर्तमान में इन गोशालाओं में 12,488 गोवंश को रखा गया है। साफ है कि इस समय 1,656 छुट्टा गोवंश गोशालाओं में अतिरिक्त रखे गए हैं। जबकि गौशाला की क्षमता कम है। जिले में पहले स्थिति विपरीत थी। जब गोशालाओं की क्षमता अधिक थी और गोवंश कम संख्या में आ रहे थे, लेकिन अब बड़ी संख्या में गोवंश गोशालाओं तक पहुंच चुके हैं।