गोरखपुर 71 एकड़ में विकसित होगा प्लास्टिक पार्क 81 करोड़ होंगे खर्च
गोरखपुर।
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में प्लास्टिक पार्क की डिटेलप्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गई है। गीडा में 71 एकड़ एरिया में विकसित होने वाले प्लास्टिक पार्क डीपीआर केन्द्र सरकार की मंजूरी के लिए भेज दी गई है। पूरे प्रोजेक्ट पर 81 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। 40 करोड़ केन्द्र को देना है, शेष रकम की व्यवस्था गीडा और उत्तर प्रदेश सरकार को करनी है। पार्क की स्थापना से 5000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिल सकेगा।
गीडा द्वारा तैयार डीपीआर को सीईओ द्वारा प्रदेश सरकार को भेज दी गई है। यूपी सरकार की तरफ से 81 करोड़ रुपये के तैयार डीपीआर को मंजूरी के लिए केन्द्र सरकार को बीते 20 अक्तूबर को ही भेज दिया गया है। प्लास्टिक पार्क में भूमि विकास एवं अन्य आधारभूत संरचना पर करीब 81 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 40 करोड़ रुपये की राशि केन्द्र सरकार से मिलनी है, वहीं शेष 41 करोड़ का इंतजाम प्रदेश सरकार और गीडा को करना है।
पार्क में लगेंगी 90 फैक्ट्रियां
प्लास्टिक पार्क में कुल 90 औद्योगिक भूखण्ड होंगे यानी 90 फैक्ट्रियां लगेंगी। इसके साथ ही प्रशासनिक भवन, कामन फैसिलिटी सेन्टर, यूटिलिटी शॉप्स और भंडारण इकाईयाँ भी संचालित होंगी। इन 90 भूखण्डों का साइज 600 वर्गमीटर से लेकर 17,000 वर्गमीटर तक होगा। प्रशासनिक भवन कुल 600 वर्गमीटर का होगा। जिसमें भूतल में बैंक, कैंटीन एवं प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र होगा। प्रशासनिक भवन के प्रथम तल पर श्रमिकों के लिये डोरमेट्री एवं प्रबन्धकीय आवास मौजूद रहेगा।
खुलेगा तकनीकी संस्थान, होंगे शोध
प्लास्टिक पार्क में तकनीकी संस्थान खुलेंगे और शोध भी होंगे। पांच एकड़ में केन्द्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थान (सीआईपीईटी) की भी स्थापना होगी। सेन्टर में उद्यमियों के लिये प्लास्टिक से बनी वस्तुओं के निर्माण के लिये आधुनिक प्लान्ट एवं मशीनरी लगायी जाएंगी। टेस्टिंग, सर्टिफिकेशन तथा रिसर्च की सुविधा भी दी जायेगी। प्रस्तावित प्लास्टिक पार्क में लगभग 4 एकड़ भूमि आरक्षित की गयी है, जिस पर कच्चे माल की आपूर्ति व भंडारण किया जायेगा।
5000 को मिलेगा रोजगार
प्लास्टिक पार्क में 90 से अधिक फैक्ट्रियां लगेंगी। परियोजना में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 5000 लोगों को रोजगार का सृजित होगा 13 करोड़ का रखेंगे। देश के विभिन्न हिस्सों के उद्यमी इसे लेकर पूछताछ करने लगे हैं। चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल का कहना है कि ‘देश के विभिन्न फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों को अब अपने ही घर में काम मिलेगा। औद्योगिक निवेश बढ़ने से आर्थिक गतिविधि भी बढ़ेगी।
सीएफसी सेंटर के लिए खरीदी जाएंगी 13 करोड़ की मशीनें
प्लास्टिक पार्क में छोटे उद्यमियों की सुविधा के लिए कामन फैसिलिटी सेन्टर की स्थापना होगी। 1200 वर्ग मीटर में विकसित होने वाले सेंटर के लिए गीडा प्रशासन 13 करोड़ से अधिक की मशीनें खरीदेगा। यहां छोटे उद्यमी मामूली यूजर चार्ज देकर मशीनों का उपयोग कर सकेंगे। इसके साथ ही प्लास्टिक दाना के लिए भी एक गोदाम बनाया जाएगा। जिससे उद्यमियों को अच्छी क्वालिटी का प्लास्टिक दाना यहीं उपलब्ध होगा। अभी प्लास्टिक दाना कानपुर, गुजरात या मुंबई से मंगाया जाता है।
बोले गीडा सीईओ
प्लास्टिक पार्क में हर तरह की सुविधा दी जाएगी। कामन फैसिलिटी सेन्टर में करीब 13 करोड़ की मशीनों की खरीदारी की जाएगी। इसमें छोटे उद्यमी अपनी जरूरतों को यूजर चार्ज देकर पूरा कर सकेंगे। केन्द्र से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है। तकनीकी संस्थान में छात्र सर्टिफिकेट कोर्स कर रोजगार हासिल कर सकेंगे। वहीं संस्थान में प्लास्टिक उत्पादों के लिए शोध की भी सहूलियत होगी।
पवन अग्रवाल, सीईओ, गीडा