भगवान बुद्ध ने विश्व को मानवता का पाठ पढ़ाया -सीमा

इटावा। जनपद प्रदर्शनी पंडाल में आज बौद्ध सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट की चर्चित अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा ने कहा कि भगवान बुद्ध ने पूरे विश्व को मानवता का पाठ पढ़ाया,बुद्ध की शिक्षा मानव जीवन में भेद करना कहीं नहीं सिखाती,भगवान बुद्ध ने समूचे मानव जगत को आपस में मानवता अपनाने का संदेश दिया है,हम सभी को आपस में मानवता अपनाकर आगे बढ़ना चाहिए।

जानी मानी वरिष्ठ अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा ने कहा कि बुद्ध का दर्शन बहुत विस्तृत है जिसको सहज रूप में समझा नहीं जा सकता और जो समझ लेता है वह निश्चित विकास के मार्ग पर आगे बढ़ता है। उन्होंने दिल्ली के निर्भया कांड की याद दिलाते हुए कहा कि जब यह घटना राजधानी दिल्ली में घटित हुई जिसने हमारे मन को झकझोर दिया था और मैंने तभी प्रतिज्ञा कर ली थी कि इस घटना में शामिल दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंच कर ही दम लूंगी और उसका परिणाम आज देश के सामने है। उन्होंने कहा सवाल उठता है कि आज बेटियां क्यों असुरक्षित हैं,वे जिन बेटों की बजह असुरक्षित हैं वह बेटे कहीं ना कहीं किसी न किसी घर के बेटे हैं,इसलिए समाज के सभी धर्मों और वर्गों को चाहिए कि वह अपने बेटों को शिक्षित और संस्कारवान बनाने का काम करें और उन्हें सीख दें कि जब भी वह घर से निकलें तो रास्ते में किसी की भी बेटी की आंख में आंसू हों तो उन्हें पोंछने और उसकी मदद करने का काम करें,बेटों को जब ऐसी सीख घरों में दी जायेगी तो निश्चित ही ऐसी घटनाओं में कमी लाई जा सकती है।उन्होंने कहा कि समाज में सभी को अपने बेटे और बेटियों को देश के लिए काम करने की सीख देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध कहते थे जब सवाल उठे तो मानव को उसका जवाब देने के लिए अपने को तैयार करना चाहिए।उन्होंने कहा कि देश में सबसे पहले माता सावित्रीबाई फुले जैसी महिला भी पैदा हुई हैं जिन्होंने विकट परिस्थितियों में शिक्षा हासिल की और उन्होंने देश में पहला स्कूल स्थापित करने का काम किया और आज देश में अनेकों स्कूलों कॉलेज चल रहे हैं।

एडवोकेट सीमा कुशवाहा ने कहा कि लोगों को एक जाति और धर्म तक सीमित नहीं रहना चाहिए चाहे वह बौद्ध धर्म हो या सनातन धर्म सभी के बीच जाकर सीख लेनी चाहिए,जिस तरह बाबा भीमराव अंबेडकर ने भारत का संविधान लिखने से पहले दुनियां के अन्य देशों के संविधान का अध्ययन किया था उसी तरह लोगों को अन्य धर्मों का अनुसरण करके आगे बढ़ना चाहिए।उन्होंने कहा कि जिस तरह भारत के लोगों में शिक्षा का विकास हो रहा है उसको देखकर लग रहा है कि हमारा देश एक दिन फिर विश्व का नेतृत्व करेगा।उन्होंने समाज में बेटियों को जागरूक करके अपने पैरों पर खड़े होने के लिए उन्हें अच्छी तालीम और शिक्षा देने पर खास जोर दिया ताकि बेटियां किसी भी बुराई का डटकर मुकाबला कर सकें।उन्होंने कुशवाहा,शाक्य,मौर्य,सैनी समाज के लिए भी कहा कि यह अच्छी बात है कि उनमें अब जागरूकता,एकता और शिक्षा तेजी से बढ़ रही है।

इकदिल परमानंद धाम आश्रम के स्वामी परमानंद जी महाराज ने कहा कि देश में आज अपनी-अपनी खींचतान चल रही है हमें एक दूसरे की निंदा करने से बचना चाहिए जब तक हम निंदा करते रहेंगे तब तक समाज की नजर में निंदनीय रहेंगे।उन्होंने कहा कि भारतीय लिपि के अनुसार समाज में किसी वृद्ध को जो बुड्ढा कहकर संबोधन किया गया है उस शब्द का जन्म भी बुद्ध से तात्पर्य रखता है।

पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य ने कहा कि भगवान तथागत गौतमबुद्ध ने संदेश दिया है कि शिक्षित बनो और आगे बढ़ो इसलिए समाज के लोगों को आज शिक्षा की ओर खास ध्यान देना चाहिए।

बौद्ध सम्मेलन को वरिष्ठ नेता बालभ्यासी शाक्य,पूर्व सदर सपा विधानसभा प्रत्याशी डॉक्टर सर्वेश शाक्य,सपा जिला अध्यक्ष प्रदीप शाक्य बबलू ,पूर्व ब्लाक प्रमुख मेघ सिंह शाक्य,नवाब सिंह कुशवाहा आदि ने भी संबोधित किया।

सम्मेलन के संयोजक जबर सिंह शाक्य,संचालक के पी शाक्य सहित राम लखन कुशवाहा भरथना,ओमप्रकाश शाक्य इकदिल,सभासद अविनाश कुशवाहा,सपा नेता केपी सिंह शाक्य,मीडिया प्रभारी अजय सिंह कुशवाहा,बेंचेलाल शाक्य,निर्मल बौद्ध,ठेकेदार रजपाल सिंह शाक्य,राहुल कुशवाहा,विकास शाक्य,डॉक्टर सीपी शाक्य,गंगा सिंह सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने मुख्य अतिथि सीमा समृद्धि का जोरदार स्वागत किया। अध्यक्षता समाजसेवी रामधन शाक्य ने की।

 

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