बेटों नेघर में महाभारत  रच दिया, हम राम कथा बांचते ही रह गए”

*प्रेमवती फार्म हाउस में यादगार कवि सम्मेलन

फोटो:-  काव्य मंच पर काव्य पाठ चलता हुआ
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जसवंतनगर (इटावा)। हर वर्ष कवि सम्मेलन आयोजित करने वाले शिक्षक नेता मंगेश यादव द्वारा सोमवार रात आयोजित कराए गए कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी काव्य वाणी से लोगों को न केवल साहित्य की ताकत से रूबरू कराया, बल्कि कवियों ने वीर रस, हास्य रस और गीतों और गजलों से कवि सम्मेलन  को यादगार बना दिया।
 
मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव को भी काफी प्रभावित किया।
    कवि सम्मेलन का मुख्य आकर्षण प्रयागराज से आये लाफ़्टर फ़ेम राधेश्याम भारती और कानपुर के टीवी स्टार हेमन्त पाण्डे रहे, जिनके हास्य और व्यंग की रचनाओं ने खूब गुदगुदाया। राधे श्याम भारती ने पढ़ा-
“घर में महाभारत मेरे बेटों ने रच दिया
मैं जिन्दगी भर राम कथा बांचता रहा”
 कानपुर से। पधारे हेमंत पाण्डे ने  खो हंसाया –
“एक एक प्रेमिका को बांटकर ले गये
जो नही माना उसे डांटकर ले गये
जिस पेड़ पे बांधा था मोह्हबत का धागा
नगर निगम वाले उसे भी काटकर ले गये”
 श्रोता उनकी रचनाओं से  लोटपोट  हो गए।           वाराणसी से आयी शृंगार की ख्यातिलब्ध कवयित्री विभा सिंह ने सुमधुर कण्ठ से पड़े मुक़्तक़ों से महफ़िल लूट ली।
 उन्होंने पढ़ा- 
‘ राम सीता के मनगर कहानी हैं आप
शान पुरखों के आंखों के पानी हैं आप
कोई कैसे जुदा मुझको कर पायेगा
गांव मैं हूं मेरी राजधानी हैं आप’
        कोकिलकंठी स्वर की धनी आगरा से पधारी योगिता चौहान ने सुनाया जी
‘ योगिता संयोगिता बनने लगी है कोई पृथ्वीराज शायद आ रहा हैसी 
    शौर्य और पराक्रम की तीर्थवटी माँटी राजस्थान के कोटा से पधारे ओजस्वी गीतकार निशामुनि गौड़ के सैनिक गीत पर पूरा माहौल थम सा गया। उन्होंने सुनाया –
“हम रंग में ही हो जंग में है हिंदू मुस्लिम सब संग में है इस देश के खातिर जिए मरे वो सैनिक इसी उमंग में है।
जीवन में सीमाओं पर सम्मुख जिन के जहां हर क्षण गोली होती है।
जब वो जगते है रातों में तब अपनी होली होती है।”
    कार्यक्रम के अंत में गीतों के राजकुमार डॉ राजीव राज के राम-सीता संवाद गीत ने साहित्यि जगत को बुलन्दी पर लाकर खड़ा कर दिया। उनके गीत- “मानो कहा हमारा हठ छोड़ो लौट जाओ के बाद अंतिम प्रस्तुति सबरस               संचालन कर रहे लोकप्रिय कवि सतीश मधुप का जानकी गीत रहा। इटावा के युवा शायर वैभव यादव और फ़िरोज़ाबाद के ओम प्रकाश अकेला ने भी सरस काव्य प्रस्तुतियाँ दीं।
 *वेदव्रत गुप्ता
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