मोतियों को धागों में पिरोकर सुन्दर राखी बनाई

 

इटावा। पांच नदियों के महासंगम पर चंबल विद्यापीठ परिसर में बच्चों ने खूबसूरत मोतियों को धागों में पिरोकर सुन्दर राखी बनाई और एक दूसरे को बांधी. चंबल परिवार प्रमुख डॉ. शाह आलम राना ने कहा कि रक्षा बंधन अर्थात राखी यानी कि रखवाली का भाव अपने में समेटे हुए है। हमारी भारतीय संस्कृति में बहनें भाइयों की कलाई पर सूत्र अर्थात धागा बाँध कर अपनी भाइयों से अपनी हिफाजत का वचन लेती हैं। आज के संदर्भ में इसे हम सभी को वर्तमान हालात के मुताबिक स्वीकार करते हुए संकल्पबद्ध होना होगा।

आइए संकल्प लेते हैं कि हम जाति-धर्म, संप्रदाय, अमीर-गरीब, लिंग भेद से ऊपर उठकर एक दूसरे को रक्षा सूत्र बांधें। यह रक्षा सूत्र हो गरीबी, बेरोजगारी, बीमारी, भुखमरी से एक दूसरे की हिफाजत के लिए। यह रक्षा सूत्र हो जाति-पांति, रंग-भेद, नस्ल, निरक्षरता, अज्ञानता से हिफाजत के लिए। यह रक्षा सूत्र हो दंगे-फसाद, सांप्रदायिकता, आपसी वैमनस्य, सामाजिक बुराइयों और प्रदूषण से हिफाजत के लिए। इस अवसर पर शिक्षक आदिल खान, भगवान सिंह, हरपाल निषाद आदि मौजूद रहे।

Related Articles

Back to top button