मजलिसों में आने से किरदार संवरता है-मौलाना शमशुल

 

इटावा। शहीदे आजम इमाम हुसैन और शहीदाने कर्बला की याद में शहर में विभिन्न स्थानों पर मजलिसों का आयोजन कर गमे हुसैन मनाया गया।

घटिया अज़मत अली इमामबाड़े में आयोजित मजलिस में तकरीर करते हुए मौलाना शमशुल हसन खान जौनपुरी इमामे जुमा बरेली शरीफ ने कहा कि कुरान उसे हिदायत देता है जो लेना चाहता है इसी तरह अजादारी भी उसी को हिदायत देती है जो हिदायत लेना चाहते हैं। इंसान को माफ करना सीखो, सब्र करो और पाबंदी से कुरान और नमाज अदा करो तभी एहलेबैत के चाहने वाले कहलाओगे। इंसान को अपना किरदार बनाने की जरूरत है, मजलिसों में आने से किरदार संवरता है। आलमपुरा इमामबाड़े में नजमुल हसन की ओर से आयोजित मजलिस में मौलाना मिर्ज़ा अज़हर अब्बास दिल्ली ने कहा इमाम हुसैन ने कर्बला में अपने घराने व असहाब के साथ जो कुर्बानी दी उसी की याद आज पूरी दुनिया में मनाई जा रही है। इंसान को मकसदे शहादते हुसैन को समझना जरूरी है। मकसदे हुसैन बहुत बुलन्द है। जिस दिन हम मकसदे हुसैन को समझ जाएंगे उस दिन हमारी जिंदगी करबलाई हो जाएगी।

अंजुमन हैदरी कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शावेज़ नक़वी ने बताया कि पक्की सराये स्थित बड़े इमामबाड़े में गुलामुस सैयदेन व फ़ातिमा स्कूल सैदबाड़ा स्थित इमामबाड़े में राहत अक़ील व नोरंगाबाद में राशिद हुसैन की ओर से आयोजित मजलिसों में मौलाना अनवारुल हसन जैदी इमामे जुमा इटावा ने तकरीर की। मजलिसों में तसलीम रज़ा, जहूर नक़वी ने सोजख्वानी की, सलमान रिज़वी, आबिद रज़ा ने कलाम पेश किए और सलीम रज़ा, तनवीर हसन, अयाज हुसैन, राहिल सगीर ने नोहाख्वानी की।

 

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