एसएमजीआई मे आयोजित हुई सर्पदंश जागरूकता कार्यशाला
*समय रहते सर्पदंश के रोगी की बचाई जा सकती है जान: डॉ आशीष
Madhav SandeshMay 1, 2023
फोटो – कार्यशाला में सर्पदंश उपचार की जानकारी देते सर्प विशेषज्ञ डॉ आशीष .त्रिपाठी, इनसेट में प्रतिभाग करते फार्मेसी के छात्र छात्राएं व स्टाफ
इटावा,1 मई। मुख्य विकास अधिकारी इटावा के निर्देशन पर पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये कार्यरत संस्था ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजर्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर (ओशन) के द्वारा स्कूल सेफ्टी (एसएस) ,स्कूल डिजास्टर मेंनेजमेंट प्लान (एसडीएमपी) के तहत राज्य आपदा विषयक सर्प पहचान,सर्पदंश उपचार व सर्पों का महत्व विषय पर आधारित एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन सर मदनलाल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के कालेज ऑफ फार्मेसी में आयोजित की गई। इस कार्यशाला में इंस्टीट्यूशन के सैकड़ों छात्र -छात्राओं ने हिस्सा।लिया। मुख्य वक्ता नगर पालिका परिषद इटावा के स्वच्छता,पर्यावरण एवं वन्यजीव के ब्रांड एम्बेसडर एवं मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इण्डिया के यूपी कोर्डिनेटर,वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने छात्र छात्राओं को प्रोजेक्टर के माध्यम से सर्पो की सरल पहचान करने से जुड़ी कई छोटी छोटी महत्वपूर्ण जानकारियाँ डाइट।
उन्होंने बताया कि कभी भी सर्पदंश की स्थिति में मरीज को बिल्कुल भी घबराने नही देना चाहिये, क्यों कि,ज्यादा घबराने या डर से ही अक्सर रोगी की मौत हो जाती है। सही समय से सही बाइट मार्क देख कर ही कोई एंटीवेनम डोज देना चाहिए। सभी सर्प जहरीले नही होते है, लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि, जहरीले सर्पों में कोबरा व करैत या रसल वाइपर के काटने का इलाज झाडफूंक नही बल्कि केवल एंटीवेनम/ पोलिवेनम ही होता है। जो जिला अस्पताल इटावा में कमरा नम्बर तीन में उपलब्ध है।
सर्पों के महत्व पर चर्चा करते हुये उन्होंने बताया कि सभी सर्प किसान मित्र होते है ,जो घरों व खेतों में चूहों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में अपनी अहम भूमिका निभाते है। हमे खतरनाक बीमारी प्लेग से भी बचाते है। खतरनाक बिग फोर प्रजाति में से केवल कोबरा,करैत व रसल वाइपर को ही अब तक इटावा जनपद में देखा गया है। जिनसे हमें सावधान रहने की आवश्यकता है।
जागरूकता कार्यक्रम में संस्था ओशन के डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर डॉ पीयूष दीक्षित ने प्रश्नोत्तरी प्रहर में सामाजिक अंधविश्वास विषय पर छात्र छात्राओं को जागरूक किया। कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान कर सामाजिक अंधविश्वास दूर किया। कार्यशाला में बच्चों ने भी सर्पदंश उपचार से जुड़े कई प्रश्न पूछे और उनके उत्तर पाकर संतुष्ट दिखे।
एसएमजीआई के डायरेक्टर डॉ उमाशंकर शर्मा ने कहा कि, हमारे फार्मेसी कालेज के छात्र छात्राओं ने स्नेक बाइट मैनेजमेंट में मेडिकल इमरजेंसी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की हैं,जो उनके द्वारा भविष्य में दी जाने वाली मेडिकल सेवा में भी बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी। इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी बच्चों ने सर्पों को पहचानने के साथ साथ सर्पदंश के बाद का जरूरी प्राथमिक उपचार व सही तरीके से पट्टी बांधना भी सीखा।
कार्यक्रम के अंत में डॉ शर्मा ने कार्यशाला में पधारे हुए अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। एसएमजीआई के चेयरमैन डॉ विवेक यादव ने छात्र छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि, हमारा संस्थान सभी छात्र छात्राओं को समय समय पर विभिन्न विषयों पर आधारित कार्यशालाओं के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने के लिए हमेशा ही प्रतिबद्ध है। कार्यशाला में अखिलेश दुबे, पारिका ठाकुर,श्वेता जैन,श्वेता सिंह,अखिलेश यादव,रिया माथुर,सुबोध सिंह,दानिश खान,प्रियंका सक्सेना,चिराग ओझा,रजिस्ट्रार परविंदर सिंह “गोल्डी” सहित कई सैकड़ा छात्र छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन फार्मेसी के छात्र दीपक तिवारी ने किया।
- *वेदव्रत गुप्ता
Madhav SandeshMay 1, 2023