इस बार स्थानीय नया आलू जनवरी में ही खाने को मिलेगा
फोटो-आलू
जसवंतनगर(इटावा)।सितंबर और अक्टूबर महीने में हुई बेमौसम बरसात ने खेती-किसानी खासतौर से जसवन्तनगर और आसपास के इलाकों में आलू की बुवाई को बुरी तरह प्रभावित किया हैl इसलिए दिसंबर में यहां का पैदा हुआ आलू लोगों को खाने को नहीं मिलेगा। एक माह की देरी से जनवरी में नया आलू खाने को मिलेगा।
कच्चे आलू की बुवाई जो सितंबर और अक्तूबर के पहले हफ्ते तक की गई थी वह बरसात के चलते बरवाद हो गई। बरसात और ओट न आने के कारण दीपावली।के आसपास ही और अब आलू बोया जा रहा है। ज्यादातर किसान भाई ऐसे हैं, जिन्होने अब पक्के आलू की बुवाई या फिर सीधे गेहूं सरसों आदि फसल बो दी
अक्टूबर ,नवंबर में बोया गया कच्चा आलू 60-65 दिन में तैयार होकर दिसंबर आखिर और मध्य जनवरी बाद तक बाजार में आ जाएगा जबकि नया आलू नवंबर में आ जाता थाl आलू का क्षेत्रफल भी इस बार बरसात ने घटा दिया हैl इसलिए पैदावार कम होगी। अभी जो बाहर का नया आलू आया है वह 30- 35 रुपए किलो है। यहां का नया आलू गत वर्षों की तुलना में महंगा बिकेगाl कोल्ड स्टोरेज का भंडारित पुराना आलू ही गरीब वर्ग की पूर्ति करेगा।
जसवंतनगर क्षेत्र में प्रायः आलू की 3797 वैरायटी 80-90 प्रतिशत किसान बोते हैं क्योंकि इसकी पैदावार अच्छी होती और भंडारण में इसकी वैरायटी चार पांच महीने भंडारण के बावजूद स्वाद में मीठापन नही लाती। कुफरी ख्याति कुफरी सूर्या ,कुफरी अशोका कुफरी आदि आलू प्रजाति पर बारिश और कोहरा का कम असर पड़ता, झुलसा भी काम प्रभाव छोड़ता।।
जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि नए आलू की फसल देर में भले ही आएगी, पुराने आलू का भंडारण रोककर आलू की मंहगाई को परिश्रय नही देंगे।
∆वेदव्रत गुप्ता