इटावा में स्वास्थ्य विभाग ओमिक्रोन से किस तरह से लड़ेगा, इसके लिए डॉ. भीमराव आंबेडकर जिला सयुंक्त चिकित्सालय के एमसीएच विंग में मॉक ड्रिल किया गया। लखनऊ से स्वास्थ्य विभाग के जॉइंट डायरेक्टर डॉ. विकास सिंघल इटावा पहुंचे। ओमिक्रॉन/कोरोना मरीजों को एमसीएच विंग में स्तिथ एल 2 लेवल के हॉस्पिटल में मरीजों को किस तरह से उपचार देना है क्या आवश्यक बिंदु है जिसको लेकर मॉक ड्रिल कराया गया।
मॉक ड्रिल में स्वास्थ्य विभाग किस तरह से ओमिक्रॉन/कोरोना के गम्भीर मरीजों को इलाज देंगे इसका भी विशेष ध्यान दिया गया। लेकिन मॉक ड्रिल के दौरान स्वास्थ्य विभाग की पोल कैमरे के सामने ही खुल गई। जिसमें लखनऊ से स्वास्थ्य विभाग के जॉइंट डायरेक्टर पहुंचे लेकिन एमसीएच विंग की प्रभारी सीएमएस कजरी गुप्ता और एमसीएच विंग में तैनात वार्ड बॉय मॉक ड्रिल पर ही नदारद दिखे।
शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
सवाल यह कि लखनऊ से आये हुए अधिकारी के सामने स्वास्थ्य कर्मियों और सीएमएस का यह हाल है तो ओमिक्रॉन की संभावित बीमारी के समय स्वास्थ्य विभाग का क्या हाल होगा। हालांकि जॉइंट डायरेक्टर ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की लेकिन मीडिया के पूछे जाने पर उन्होंने जवाब में सिर्फ इतना ही कहा कि सारी रिपोर्ट जो भी है वो शासन को भेजेंगे। इसके अलावा हम कुछ नहीं बता सकते।
एमसीएच विंग के नोडल बीएल संजय ने बताया आज जीडी लखनऊ आये हैं। ओमिक्रॉन से लड़ने की तैयारियों का मॉक ड्रिल किया गया है। सभी चीजें व्यवस्था ठीक रही है। शासन से फिलहाल किसी तरह की एल 2 लेवल में कोई डिमांड नहीं की गई है।
जिला अस्पताल में ये व्यवस्था की गई है
एमसीएच विंग में 100 बेड हैं जिनमें 20 बेड पीकू यानी के छोटे बच्चों के लिए एक अलग से वार्ड तैयार किया गया है। जिसमें 6 बेड पर वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। वहीं, इस एल 2 लेवल हॉस्पिटल में 18 वेंटिलेटर हैं, जिनको ऑपरेट करने के लिए 6 ऑपरेटर भी तैनात किए गए हैं।
महिला और पुरुषों के लिए लगभग 75 बेड का हॉस्पिटल है। साथ ही सभी बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था है एमसीएच विंग में हाल ही में 11 सौ लीटर का ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार हुआ है।