इटावा आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ाया जा रहा सही पोषण का पाठ
अन्नप्राशन, गोदभराई जैसी गतिविधियों के जरिये समझाई जा रही है पोषण की प्रासंगिकता
- आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ाया जा रहा सही पोषण का पाठ
- अन्नप्राशन, गोदभराई जैसी गतिविधियों के जरिये समझाई जा रही है पोषण की प्रासंगिकता
पोषण अभियान के अंतर्गत बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तत्वावधान में आंगनबाड़ी केंद्रों पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रहीं हैं | इसके जरिये सही तरीके से बच्चों की देखभाल और गर्भवती व धात्री महिलाओं को पोषण संबंधी पूरी जानकारी दी जा रही है । प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) सूरज सिंह का कहना है कि यदि निर्धारित दिवस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की कोविड ड्यूटी रहती है तो वह अन्य दिवस पर केन्द्रों पर गतिविधियों को आयोजित कर महिलाओं और बच्चों को पोषण के प्रति जागरूक बनाती हैं |
जनपद के सराय शेख आंगनबाड़ी केंद्र पर छह माह पूरे कर चुकी आयत का अन्नप्राशन मुख्य सेविका अंजू राठौर ने किया | इस मौके पर छह माह पूर्ण कर चुके बच्चों के अन्नप्राशन के बाद बच्चों की सही देखभाल और उन्हें धीरे-धीरे तरल आहार से अर्ध तरल आहार के रूप में खीर, हलवा, दलिया, मसली सब्जी फल, दाल का प्रयोग किस प्रकार करें, इस बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।
आयत की मां सीमा ने बताया – आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने समय-समय पर सही पोषण और जरूरी टीकाकरण के बारे में जानकारी दी | उन्होंने बताया – अन्नप्राशन के बाद बच्चे को दाल, दलिया, दाल – चावल, दाल में रोटी मसलकर अर्ध ठोस मसले फल, सब्जियां दो से तीन भरे हुए चम्मच देना चाहिए | ऐसा ही 9 से 11 माह तक के बच्चों को प्रतिदिन तीन से चार बार और 12 माह से 2 वर्ष की अवधि में घर का पका पूरा खाना बच्चे को देना चाहिए | यह सारी जानकारी मुझे आंगनबाड़ी साधना दीदी से आज प्राप्त हुई है | इसी अनुसार मैं अपने बच्चे को भोजन दूंगी।
अन्नप्राशन कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य सेविका अंजू राठौर ने बताया – आंगनबाड़ी केंद्रों पर समय-समय पर बच्चों की मॉनिटरिंग होती रहती है। नगरीय क्षेत्र में सितंबर माह की रिपोर्ट के अनुसार 786 बच्चे अल्प वजन और 266 बच्चे गंभीर अल्प वजन और 259 मध्यम कुपोषित (मैम) श्रेणी, 110 बच्चे गंभीर कुपोषित ( सैम) श्रेणी में चिन्हित किए गए हैं। इनकी देखभाल के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर – घर जाकर पौष्टिक आहार के संदर्भ में सभी को जानकारी दे रही हैं और उन बच्चों की काउंसलिंग भी कर रही है। सितंबर माह में उन्होंने तीन अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराया हैं। उन्होंने बताया सीडीपीओ उत्तम के निर्देशन में समय-समय पर सभी आंगनबाड़ियों को गतिविधियों को सफल बनाने के लिए विशेष निर्देश दिया जा रहा है।