Coal Crisis: बिजली घरों में बचा सिर्फ 4-5 दिन का कोयले का स्टॉक, भारत-चीन में हो सकता हैं Blackout
देश में इस वक्त कोयले का संकट (Coal Crisis) जारी है. जिन बिजली घरों में पहले 17-17 दिन का कोयले का स्टॉक हुआ करता था, वहां अब महज 4-5 दिन का स्टॉक ही बचा है. जबकि, आधे से ज्यादा पावर प्लांट में तो एक या दो दिन का स्टॉक ही है.
विदेश से आने वाले कोयले की कीमत बढ़ने से इसकी सप्लाई कम हुई है और घरेलू कोयले पर निर्भरता बढ़ी है. एशिया में थर्मल कोयले की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं, जिससे चीन और भारत में कोयले का संकट खड़ा हो गया है. चीन के बाद भारत कोयले का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करता है.
ऑस्ट्रेलिया का हाई ग्रेड थर्मल कोयले की कीमत 8 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में 229 डॉलर प्रति टन पहुंच गई, जबकि इस साल 30 अप्रैल को इसकी कीमत 88.52 डॉलर प्रति टन थी. इसी तरह जापान और दक्षिण कोरियाई कोयले की कीमतें भी पिछले साल के सितंबर की तुलना में इस साल 400% से ज्यादा बढ़ गई है.
नतीजा ये हुआ कि चीन ने ऑस्ट्रेलिया से कोयला खरीदना बंद कर दिया और इंडोनेशिया से बढ़ा दिया. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया अभी भी भारत को कोयले की आपूर्ति कर रहा है.