सम्मेद शिखर जा रहीं दो जैन आर्यिका माताओं का जसवंतनगर में हुआ मंगल प्रवेश

 *जैन अनुयायियों को उनके प्रवचन 3 दिन तक सुनने को मिलेंगे *भगवान सम्भवनाथ के जन्म कल्याण के साथ अष्टनिका पर्व संपन्न

 फोटो:आर्यिका दिव्यमति माता जसवंत नगर में मंगल प्रवेश करती हुई इंसेंट में भगवान संभावनाथ जी
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जसवंतनगर(इटावा)। नगर में जैन धर्म की दो आर्यिकाओ का मंगल आगमन हुआ । इनमे  आचार्य विद्यासागर महाराज  और ज्ञानमती माता की  शिष्या दिव्यमति माता व आर्यिका पुराणमति  माता शामिल है ।
      इन दोनों आर्यिका  माताओं का नगर में कचौरा घाट की ओर से लुधपुरा जैन मंदिर होते हुए जैन बाजार स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में प्रातः प्रवेश हुआ। 
  उनका विहार कराने बड़ी संख्या में जैन युवा नगर की सीमा पर पहुंचे।  निश्चित समय से कुछ विलंब से उनका आगमन हुआ, जिस वजह से उनके निश्चित किए गए प्रातः कालीन प्रवचन स्थगित हो गए और लोग प्रवचन लाभ नहीं उठा सके।   
         बताया गया है की अब दोनों आर्यिका माताएं यहां प्रवास करेंगी और अगले तीन दिनों तक उनके प्रवचनो का लाभ सभी जैन अनुयायियों को मिलने की उम्मीद है।उसके बाद वह नगर में प्रवास के उपरांत तीर्थराज सम्मेद शिखर की ओर प्रस्थान कर जाएंगी।     
           जैन धर्म के तीसरे तीर्थंकर भगवान सम्भवनाथ का सोमवार को जन्म कल्याणक था। इस अवसर पर प्रातः मंदिर जी  में  जैनानुयाईयों ने तीर्थंकर भगवान का अभिषेक करते हुए उनका जन्म कल्याणक उत्सव मनाया गया। 
   जैन समाज के प्रवक्ता आराध्य जैन ने बताया है कि जैन धर्म के प्रमुख पर्वो में से एक अष्टानिका महापर्व के आठ द्विवसीय आयोजन के  समापन पर भी सोमवार को जैन धर्माविलंबियों ने नंदीश्वर दीप की विशेष पूजा भी की तथा पर्व को हर्षोल्लास से मनाया। उन्होंने यह भी बताया कि जो आर्यिका माताएं नगर में पधारी है ,वह प्रकांड विदुषी हैं। जैन धर्म के  प्रवचनों से जैन धर्म अनुयायियों  को  लाभान्वित करेंगी।
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 *वेदव्रत गुप्ता

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