गजलकार खुर्शीद हैदर और व्यंग्यकार फौजदार कवि सम्मेलन को यादगार बना गए

    *रात 2:30 बजे तक बही जसवंत नगर के रामलीला मैदान में काव्य गंगा         *दिनेश रघुवंशी और मयंक विधौलियां द्वारा संयुक्त संचालन

फोटो:- काव्य पाठ करते आमंत्रित कवि गण एवं कवियों का सम्मान करते विधायक शिवपाल सिंह यादव
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   जसवंतनगर(इटावा)। शनिवार रात यहां रामलीला महोत्सव के अंतिम कार्यक्रम के  तहत रामलीला मैदान मंच पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में पधारे नौ कवियों ने 6 घंटे से ज्यादा तक न केवल भारी संख्या में जुटे काव्य प्रेमी श्रोताओं को बांधे रखा, बल्कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक शिवपाल सिंह  यादव को भी अपने बेटेआदित्य यादव के साथ अंत तक डटे रहने को बाध्य कर दिया। 

   

दोनो ही बराबर कवियों को उनकी रचनाओं पर दाद देते प्रोत्साहित करते रहे।  इनके अलावा प्रदीप गुप्ता एडवोकेट भी रचनाओं को सुन बराबर दाद देते डटे रहे।

   
लगभग तीन दशक से रामलीला समिति हर वर्ष कवि सम्मेलन का आयोजन करती रही है। कोरोना के वक्त भी शिवपाल सिंह यादव की पहल पर रामलीला सीमित ने लीलाओं के सारे कार्यक्रम निरस्त करके केवल कवि सम्मेलन आयोजित कराया था। 
   इस वर्ष का कवि सम्मेलन समिति ने स्वर्गीय नेता जी मुलायम सिंह यादव और रामलीला समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रहे स्वर्गीय अजय लंबरदार की स्मृतियों को समर्पित किया था।  मंच पर मां सरस्वती के साथ स्वर्गीय नेताजी और लंबरदार की फोटो भी लगाई गई थी।
     कवि सम्मेलन में श्रोताओं को देश के विख्यात गीतकार विष्णु सक्सेना की कमी अवश्य खली, क्योंकि उनके पधारने का प्रचार किया गया था।फिर भी देश के जाने-माने तीन कवियों और गजलकार खुर्शीद हैदर, मुजफ्फरनगर , हास्य-व्यंग्यकार प्रताप फौजदार तथा व्यंग्यकार विनीत पांडे नई दिल्ली ने समां बांधकर उनकी कमी पूरी कर दी।
    कवि सम्मेलन के संचालन की जिम्मेदारी पहले से इटावा के कवि मयंक बिधौलिया पर सौंपी गई थी, मगर देश  भर में कवि सम्मेलनों के संचालक के रूप में विख्यात काव्य हस्ताक्षर दिनेश रघुवंशी ने अपने हाथों में संचालन लेकर कवि सम्मेलन को काफी उत्कृष्टता प्रदान की।
         मंच पर  कुल मिलाकर तीन महिला कवियत्री भी पधारी थीं, जिन्होंने भी श्रोताओं को बीच में उठने नहीं दिया। श्रोताओं ने उनकी रचनाओं पर तालियां बजाकर उन्हे खूब प्रोत्साहित किया तथा कवियों को बताया कि जसवंतनगर न केवल राजनीतिक क्षेत्र है, बल्कि यह साहित्य और काव्य का पारखी भी है।
   मां सरस्वती की वंदना के साथ आरंभ हुई  काव्य गंगा में भागीरथी कवियों ने किसी न किसी रस में  श्रोताओं को डुबकियां लगवाई।  एक के बाद एक कवियों ने अपने काव्य पाठ से उपस्थित श्रोताओं का मन जीत लिया।
      मोहित सक्सेना ब्रजवासी आगरा  जब मंच पर आए तो अपनी ओजस्वी और ठेठ  भाषा में उन्होंने पाकिस्तान को ललकारा-“पूत बन के रहोगे ,तो सेवा करोगे तो मिठाई ले जाओगे, वे मतलब अड़ोगे हमसे.. लड़ोगे तो दोच दये जाओगे”!         इटावा के जाने-माने कवि मयंक विधोलिया ने शुरू में संचालन करते जन जन के नेता शिवपाल सिंह की प्रशंशा में कई रचनाएं पढ़कर खूब जिंदाबाद गुंजवाई।
    गजलकार खुर्शीद हैदर न केवल मंच पर छाए रहे, बल्कि विधायक शिवपाल सिंह ने उन्हें अपने बगल में काफी देर  बैठाकर उनको उनकी राष्ट्रीय छवि के मुताबिक जबरदस्त  प्रशस्ति दी।  
   उनकी गजल_ “खड़े रहते हैं, जो लोग बड़े हैं, बड़े ही रहते हैं”…..” जिसे पुकारा होगा,तीर उसी ने मारा होगा, प्यार की जब तारीख लिखोगे ,पहला नाम हमारा होगा!
     हास्य जगत के बादशाह “प्रताप फौजदार   ने  हँसा- हँसा कर सभी को लोट पोट कर दिया।उन्होंने बातों बातों में सबको खासकर गोदी मीडिया और सरकार के घालमेल पर तीखी टिप्पणियां की…चोरी चौकीदार करेगा और बाबा व्यापार करेगा ,कौन लुटा और किसने लूटा, ये निर्णय अखबार करेगा!” दिनेश रधुवंशी ने संचालन के साथ काव्य पाठ से सबका मन  मोह। 
   शाहिस्ता सना  बरेली की रचना _”आजकल मेरे दीदार के वास्ते उसकी आँखों के तारे चमकते नहीं “काफी पेचीदा थी ,फिर भी  लोगों  ने दाद दे देकर सुनी।रजनी सिंह अवनी दिल्ली, योगिता चौहान इटावा की रचनाएं भी श्रोताओं ने खूब  सराहीं।
  कवि सम्मेलन की समाप्ति पर राजीव गुप्ता बबलू, अजेंद्र सिंह गौर  आदि ने  सभी कवियों, सहयोगियों और श्रोताओं का आभार व्यक्त किया । अगले वर्ष फिर रामलीला महोत्सव के कार्यक्रमों के साथ रामलीला मैदान में जन मनोरंजन और धर्म गंगा बहाने का वायदा किया।
*वेदव्रत गुप्ता
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