पण्डोखर सरकार का दिव्य त्रिकालदर्शी दरबार जसवंतनगर के रामलीला मैदान में 26,27और28 अक्टू.को
*बिना पूछे बिना जाने लोगों की जिज्ञासाएं लिखकर हल की जाएगी *दरबार में देश भर से लोगों के पधारने को लेकर जोरदार तैयारिया
Madhav SandeshOctober 25, 2023
फोटो:- गुरुशरण जी महाराज उर्फ पण्डोखर सरकार फोटो
जसवंतनगर (इटावा)।अनंत विभूषित पड़ोखर सरकार का दरबार यहां रामलीला महोत्सव में 26 27 और 28 अक्टूबर को लगेगा। दरबार में देश प्रदेश और आसपास के जिलों से भारी भीड़ जुटने की संभावना को लेकर रामलीला मैदान में जोरदार तैयारी शुरू कर दी गई है।
गुरु शरण महाराज उर्फ पंडोखर सरकार का दर्शन और दिव्य दरबार इन तीनों दिनों दोपहर दो बजे से शाम 5 बजे तक लगेगा।
यह यह जानकारी देते पंडोखर सरकार ट्रस्ट के पदाधिकारी और रामलीला समिति के उप प्रबंधक अजेंद्र सिंह गौर ने बताया है कि आयोजित श्री पंडोखर सरकार का दिव्य त्रिकालदर्शी दरबार न केवल अभिनव होगा, ,बल्कि लोग अपने मन में लेकर जो भी प्रश्न पण्डोखर के समक्ष पेश होंगे,उन्हे उनका प्रश्न और उसका उत्तर बिना पूछे लिखित में न केवल मिलेगा, बल्कि पण्डोखर सरकार भविष्यवाणियों से भी लोगों को लाभान्वित करेंगे।
मध्य प्रदेश के बालाजी पंडोखर सरकार से कृपा प्राप्त गुरु चरण जी महाराज दुखी, पीड़ित इंसानों की विभिन्न समस्याओं का सटीक समाधान बतला देते हैं। 32 वर्षों से श्री पंडोखर सरकार का दरबार दतिया जिले की भांडेर तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंडोखर में लगता है। अपनी बाल्यावस्था से ही लोगों को विस्मृत और चमत्कारित कर देने वाले गुरु महाराज को लोगों के मन के अंदर की पीड़ा उनकी जिज्ञासा और उनकी विभिन्न समस्याओं को जान लेने की दिव्य दृष्टि श्री हनुमान जी महाराज की कृपा से प्राप्त है।
सुप्रसिद्ध माता पीतांबरा पीठ की दिव्य भूमि पर स्थित पंडोखर अति प्राचीन तीर्थ है, जहां पांडवों ने अपने अज्ञातवास का कुछ समय व्यतीत किया था। द्वापर युग में जब पांडवों को अज्ञातवास हुआ, तो उन्होंने कुछ समय पावन पुष्पावती नदी के तट पर व्यतीत किया। अपनी दैनिक पूजा आराधना के लिए पांडवों ने हनुमान जी महाराज की बालाजी के रूप प्रतिमा स्थापित की थी। उसी समय की प्रतिमा वर्तमान में पंडोखर है, जो पांडवों के इतिहास से जुड़ा संदेश देती है।
1997 से गुरु से गुरु शरण पंडोखर सरकार अपने पिता के बाद पीठाधीश्वर बनकर गद्दी पर आसीन हुए, तब से दिव्य दरबार उनका चल रहा है। अति प्राचीन मंदिर पण्डोखर में शिवा बालाजी का स्थित है।वहां हनुमान जी पंडोखर सरकार विराजमान हैं। पंडोखर धाम में अमावस्या पर्व का महत्व है अमावस्या पर देश-विदेश के हजारों भक्त तथा हाजिरी लगाने के लिए लोग पंडोखर धाम आते हैं। वहां का त्रिकालदर्शी दिव्य दरबार अब देश दुनिया में किसी परिचय का मोहताज नहीं है ।लिखकर लोगों के मन की बात को बतलाने संभावित देश का पहले ऐसा दरबार है जहां असंभव को संभव बनाने वाली शक्ति विराजमान है। ऐसा कोई भी कार्य नहीं जो यहां सिद्धि को प्राप्त न होता हो। जसवंत नगर से अत्यधिक स्नेह होने के कारण लगभग 9 वर्ष के अंतराल के बाद पंडोखर सरकार का दरबार लगने जा रहा है! लोगों से अपनी जिज्ञासाएं मिटाने के लिए 26, 27,28 अक्टूबर को रामलीला मैदान में समय से पहुंचने की अपील की गई है।
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*वेदव्रत गुप्ता
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Madhav SandeshOctober 25, 2023