जैन शिक्षण शिविर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए बच्चों ने मचाया धमाल

फोटो:- शिक्षण शिविर में सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करते बच्चे
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जसवंतनगर(इटावा)। यहां पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे 17 वे विशाल शिक्षण शिविर की सबने प्रशंसा की है।
   इस आठ दिवसीय शिवर में रोजाना शिक्षण प्रशिक्षण के साथ साथ बच्चों की सांस्कृतिक प्रतिभा को निखारा और संवारा जा रहा है, ताकि ये बच्चे आगे  चलकर देश और जैन समाज की प्रतिभा के रूप में नाम गौरवान्वित कर सकें।
 बच्चों में  प्रतिभा का हो रहे सृजन  और प्रशिक्षण शिविर की विशेषताओं को देखने देर शाम भिंड के विद्वानों की एक समिति पधारी, चूंकि ऐसे आयोजन पूरे देश भर होते है। उन सभी शिविरों की निगरानी करने के लिए एक समिति होती है। जो समय समय पर उन उन जगहों पर पहुँच शिविर में हो रहे प्रोग्राम नजदीकी से देखकर निरीक्षण करती है। ऐसी ही समित ने जसवंतनगर में निरीक्षण किया ओर बच्चों में पैदा हो रहे संसकारो को देख कर हतप्रभ और प्रसन्न हुई। समिति ने  जसवंतनगर के शिविर  को अन्य जगहों की अपेक्षा संस्करित और उत्कृष्ट  बताया।
     समाज के लोगो ने भिंड से पधारे सुरेश जैन और पुष्पेंद्र जैन का शॉल ओढ़ाकर व तिलक  वंदन कर अभिवादन किया।
शिविर में हो रहे  सांकृतिक  कार्यक्रमों के तहत जैन टैलेंट शो, जिसमे दिव्य, टुकटुक, मोक्ष, लक्ष्य, शुद्धात्म है मेरा नाम आदि गीतों पर नाट्य किया। मंदिर जी में घंटा बाजे टन टन पर नैतिक जैन, महावीर जैन ने नृत्य पेश किया।साथ ही सठ लेस्या विषय को नाट्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।”प्रभु बिंदु गिरी पर्वत पर मेरी कुटिया बन जाये, जब  खिड़की खोलू तो तेरा दर्शन हो जाये”, – इस गीत पर अंकुर जैन के छोटे बेटे दिव्यांश जैन ने मनोहरी नृत्य प्रस्तुत किया।  बच्चों ने कुल भूषण ,देस भूषण की। दृष्टि जैन ने पाठशाला जाना है।यशी, आर्या , लब्धि ने जैनत्व के संस्कार पर एक दमदार परफॉर्मेंस दी। सभी लोगो ने पूरे समय तक कार्यक्रम को देखकर  बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
   सांस्क्रतिक कार्यक्रम  का निर्देशन कृति जैन,मोनिका बजाज, टिया जैन आदि ने किया।
*वेदव्रत गुप्ता
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