पुरानी पेंशन के साथ खड़े हैं देश के 10 करोड़ मतदाता : विजय बन्धु
एनपीएस-निजीकरण भारत छोड़ो रथयात्रा का जनपद आगमन पर जोरदार स्वागत
माधव संदेश /क्राइम ब्यूरो दीपक राही
रायबरेली । बिहार के चम्पारण ज़िले से प्रारम्भ होकर बलिया, गाजीपुर, मुगलसराय, वाराणसी, भदोही, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, गौरीगंज होते हुए “एनपीएस-निजीकरण भारत छोड़ो रथयात्रा” जिले में पहुंचने पर ऑल टीचर्स ऐण्ड एम्प्लॉइज़ वेलफ़ेयर एसोसिएशन (अटेवा) की तरफ से भव्य स्वागत एवं सम्मान किया गया । एनपीएस और निजीकरण के विरोध में चंपारण से रथयात्रा लेकर निकले ऑल टीचर्स ऐण्ड एम्प्लॉइज़ वेलफ़ेयर एसोसिएशन (अटेवा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पेंशन पुरूष विजय कुमार ‘बन्धु’ देर रात जिले में पहुंचे । प्रयागराज-लखनऊ हाईवे पर स्थित एक लॉन में रात्रि के 11 बजे आयोजित स्वागत जनसभा में सैकड़ों कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप लोगों का यह संघर्ष बर्बाद नहीं जाएगा बल्कि जल्द ही हम लोगों के अच्छे दिन आने वाले हैं । यह संघर्ष सिर्फ शिक्षकों एवं कर्मचारियों का संघर्ष नहीं बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों का भी संघर्ष है । सरकार को एक दिन हम लोगों के सामने झुकना ही पड़ेगा और हमें पेंशन देनी होगी । सरकार हम लोगों को ऐसे ही पेंशन नहीं देगी बल्कि लगातार चुनावों में मिल रही हार की वजह से मिलेगी । सरकार हमारे साथ खड़े 10 करोड़ मतदाताओं से डर रही है और हम यह लड़ाई वोट की चोट की बदौलत ही जीत सकते हैं । राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर वर्ष 2023-24 पुरानी पेंशन बहाली आन्दोलन के लिहाज से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण वर्ष है। हमें समझदारी का परिचय देते हुए धर्म, समुदाय, जाति, विभाग, संगठन, भाषा, क्षेत्र के बन्धनों से मुक्त होकर एक शिक्षक और कर्मचारी के रूप में वोट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए प्रतिबद्ध होना ही पड़ेगा । प्रदेश महामंत्री नीरजपति त्रिपाठी, प्रदेश संगठन मंत्री रजत प्रकाश यादव ने कहा सही नेतृत्व के तहत निरंतर लम्बे संघर्ष के बाद आज पांच राज्यों राजस्थान, छतीसगढ़, पंजाब, झारखण्ड एवं हिमांचल प्रदेश में पुरानी पेन्शन व्यवस्था बहाल हो चुकी है । जल्द ही कर्नाटक में भी पुरानी पेंशन बहाल होने जा रही है ।
अब वह दिन दूर नहीं जब पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाल होगी । इस दौरान इरफान अहमद, सरला वर्मा, राजेश यादव, सरिता नागेन्द्र यादव, गौरव यादव (युवराज), संदीप यदुराज, अविनाश यादव, सुरेन्द्र वर्मा, राजकुमार गुप्ता, अंजनी मौर्य, मोहम्मद नसीम, विनोद यादव, अनवर अली, मयंक वर्मा, आशीष पटेल, अनिल यादव, शिवनाथ यादव, प्रकाशचन्द्र यादव, राजेन्द्र यादव, शत्रुघ्न कुमार, आशुतोष यादव, अमित बाजपेयी, मोहम्मद सगीर, मोहम्मद रमज़ान, सुनील पाल, वीरेंद्र सिंह, रणविजय सिंह गंगापारी, राघवेन्द्र यादव, शिवशरण सिंह, संजय सिंह, अभिषेक पटेल, नीरज शर्मा, सरिता यादव, दिलीप पाल, लालजी यादव, योगेंद्र गुप्ता, कुलदीप मनमौजी, अमित कुमार, अब्दुल हलीम, मोहम्मद ज़की, विक्रम सिंह चौहान, राजेन्द्र यादव, मनोज पटेल, लेफ्टीनेंट दिनेश कुमार, शैलेश यादव, हरिकेष मौर्या, तपस्या पुरवार, अशोक शुक्ला, विजय शंकर शुक्ला के साथ विभिन्न विभागों एवं संगठनों के सैकड़ों पदाधिकारियों, सदस्यों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों की हिस्सेदारी रही ।