जसवंतनगर की सब्जीमंडी के “पक्का तालाब” को सौंदर्यीकरण की प्रतीक्षा

     *बत्तखें भी अब तालाब में नहीतैरतीं      *ट्रस्ट से की गई सौंदर्यीकरण की मांग

   फोटो:-जसवंत नगर का पक्का तालाब, जो बदबू और गंदगी का पर्याय बन गया है
___
जसवंतनगर(इटावा)। यहां के बाजार के मध्य और सब्जी मंडी में  स्थित प्राचीन ‘पक्का तालाब’ रखरखाव के अभाव में गंदगी से पटा एक पोखर भर बनता जा रहा है।
        कालांतर में यहां का यह तालाब एक सुरम्य स्थान था।इसके पूर्वी किनारे पर स्थित भव्य शिव मंदिर और खटखटा बाबा की कुटिया के अलावा विभिन्न देवी देवताओं के मंदिर तथा कई एकड़ में फैला शानदार बाग लोगों को आकर्षित करता था, मगर अब बगीचा उजड़ गया और तालाब की स्वच्छता को लेकर इसके ट्रस्ट के करिंदों ने कोई ध्यान नहीं दिया।
   करीब 60 मीटर लंबा और इतने ही मीटर चौड़े इस तालाब में हर वर्ष बरसात में बगल से गुजरने वाली सिरसा नदी से तालाब के पानी का स्वच्छीकरण हो जाता था। तालाब में बड़ी संख्या में मछलियां और कछुए तैरते अपनी छटा बिखेरते थे। लोग मछलियां चुगाने आते थे। तीन चार दशक पूर्व तो लोग इस तालाब में स्नान कर मंदिर में पूजा अर्चना करते थे। अब इसमें कोई स्नान नहीं करता।
       नगर के सोनू बजरंगी, प्रशांत चौरसिया, लकी गुप्ता, अंकित यादव ,निशांत, पप्पू, आदि ने बताया कि यह तालाब काफी वर्ष पुराना और यहां की शान होने के बावजूद अब बदहाल हो गया है। तालाब के पास ही सब्जी मंडी है। खटखटा बाबा कुटिया और शिव मंदिर में पूजा अर्चना के लिए सैकड़ों संख्या में  लोग प्रतिदिन वहां पहुंचते हैं। जिन्हें तालाब की गंदगी व बंदबू से सामना करना पड़ता है। सब्जी मंडी के दुकानदार उसमें अपनी  बाकी बची और सड़ी सब्जियां फेंकते है।सिरसा नदी से इस तालाब में आने वाले पानी को भी कई वर्ष पूर्व बंद करा दिया गया था। 
      खटखटा बाबा कुटिया के महंत मोहन गिरी महाराज ने बताया कि इसकी सफाई के लिए वह लगातार प्रयास कर रहे है। ट्रस्ट के सर्वराकर से भी कहा गया, मगर कोई कुछ कराने को तैयार नहीं। 
  अब से करीब 20 वर्ष पूर्व तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार ने राजकीय निर्माण निगम के जरिए इस तालाब के सौंदर्यीकरण  की योजना बनाई थी मगर  ट्रस्ट आड़े आ गया था और उसने ऐसा नहीं होने दिया था।            आज हालत यह है कि पक्का तालाब गंदगी और बदबू का पर्याय बन गया है। वर्षों पूर्व से तालाब में पलने वाली बत्तखें भी गंदगी की वजह से उसमें तैरने को नहीं उतरती। 
   यदि ट्रस्ट इस तालाब की एक बार तरी झार सफाई और थोड़ी बहुत मरम्मत व सुंदरकरण करा दे, तो यह तालाब नगर के लोगों के  लिए आकर्षण का पुनः केंद्र बन सकता है।
  
___
*वेदव्रत गुप्ता

Related Articles

Back to top button