भागवत कथा में आचार्य ने कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग पर की मार्मिक चर्चा, कथा सुन भावविभोर हुये श्रोता
कथा कहते आचार्य पंडित शिवाकांत तिवारी
माधव संदेश – योगेंद्र गुप्ता। अजीतमल।
अजीतमल कस्बे सूर्य नगर रोड स्थित शंकर जी जी के मंदिर पर पर चल ही श्रीमद्भागवत कथा में वामन अवतार, श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन किया गया।
शिव मंदिर पर चल रही कथा में जालौन से पधारे आचार्य पं0 शिवकान्त तिवारी कहा कि श्रीमद भागवत सुनने का लाभ भी कई जन्मों के पुण्य से प्राप्त होता है। श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य को जीवन जीने और मरने की कला सिखाती है।
मनुष्य को जीवन परमात्मा ने दिया है, लेकिन जीवन जीने की कला हमें सत्संग से प्राप्त होती है। सत्संग का मनुष्य के जीवन में बड़ा महत्व है उन्होंने कहा कि भगवान भक्तों के वश में हैं, भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं। जब जब धरती पर पाप व अनाचार बढ़ता है, तब.तब भगवान श्रीहरि धरा पर किसी न किसी रूप में अवतार लेकर भक्तों के संकट को हरते हैं। कृष्ण जन्म की कथा का वर्णन करते हुए बताया जब कंस के पापों का घड़ा भर गया तब भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लेकर कंस का अंत किया और लोगों को पापी राजा से मुक्ति दिलाई। इस दौरान कथा व्यास ने कहा कि आज व्यक्ति मोह माया के चक्कर में फंसकर अनीति पूर्ण तरीके से पैसा कमाने में जुटा है। जिसका परिणाम अंतत उसे भोगना पड़ता है। मानव मानव की तरह नहीं जी रहा है। श्रीमद् भागवत जीवन जीने और मरने की कलां सिखाती है। भागवत कथा में श्री कृष्ण जन्मोत्सव की सुंदर झांकी का प्रस्तुत की गई कथा के परीक्षित श्रीमती गायत्री देवी एवं नारायण सिंह राजावत ने भगवान के स्वरूप का आरती कर आशीर्वाद लिया वहीं मौजूद श्रोताओं ने जन्मोत्सव पर भजन गाकर झूम झूम कर जन्मोत्सव की कथा का आनंद लिया। कथा की व्यवस्था में ब्लाक प्रमुख रजनीश पांडे ,प्रोफेसर उमेश दीक्षित ,अरविंद सिंह सेंगर एडवोकेट, आमोद त्रिपाठी एडवोकेट, हरि योगेंद्र सिंह ,सर्वेश सविता सहित भागवत कमेटी का विशेष सहयोग मिल रहा है।