जनप्रतिनिधियों की स्वतंत्रता खतरे में

इटावा/भरथना। भाजपा सरकार अघोषित इमरजेंसी का माहौल बनाएं हुए है,जनप्रतिनिधियों की स्वतंत्रता खतरे में है।

यह बात दिबियापुर विधायक प्रदीप यादव ने भरथना स्थित आवास पर मीडियाकर्मियों से कही।

उन्होंने कहा कि कानपुर देहात की मैथा तहसील क्षेत्र के मडोली पंचायत के चालहा गांव में कब्जा हटाने के दौरान झोपड़ी में आग लगने से माँ-बेटी की मौत के दर्दनाक हादसे के बाद पार्टी नेतृत्व द्वारा गठित किये गए डेडीकेट में शामिल होने के कारण वहां जाने के लिए भरथना से निकलने पर इटावा पुलिस अफसरों बाद में औरैया जनपद में पहुचने पर वहां के पुलिस अधिकारियों ने फ़ोन कर लोकेशन ली,औरैया में हाईवे पर पहुचते ही पुलिस अधिकारियों की टीम द्वारा रोक लिया गया और कानपुर देहात नही जाने की बात कही,वहां से पुलिस कप्तान कैम्प कार्यालय ले गए वहां कार्यकर्त्ताओ की भीड़ एकत्र होने लगी तो डाक बंगला ले जाया गया वहां भी समर्थको की भीड़ पहुचने पर पुलिस अफसरों ने भरथना ले जाने की बात कही और मुझे वापस भरथना आवास छोड़ दिया गया।

दिबियापुर विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में जनप्रतिनिधि की स्वतंत्रता खतरे में हो गई, पुलिस-प्रशासन ने पीड़ित पक्ष से मिलकर उन्हें सहानभूति प्रकट कर घटना के सम्बंध में जानकारी लेने नही जाने दिया गया।आगामी 2024 में होने वाले चुनाव से पहले पुलिस प्रशासन समाजवादी पार्टी के नेताओं के हौसले पस्त करना चाहता है क्योंकि भाजपा का हर वर्ग से जनाधार खिसक चुका है।

इस दौरान पूर्व ब्लॉक प्रमुख हरिओम यादव आदि पार्टी नेता व समर्थक मौजूद रहे।

भरथना पुलिस क्षेत्राधिकारी विवेक जावला ने बताया कि दिबियापुर विधायक प्रदीप यादव को नजरबंद नही किया गया।

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