गोवर्धन पूजा के लिए इस बार डेढ़ सौ रुपए किलो बिकी अन्नकूट की सब्जी

*बथुआ इस बार अन्नकूट में नहीं मिला

-वेदव्रत गुप्ता।जसवंतनगर (इटावा)। बुधवार को गोवर्धन पूजा को लेकर घर-घर 56 भोग बनाने के लिए अन्नकूट की सब्जी लेने के लिए यहां सब्जी मंडी में लोगों मैं होड़ मची रही।

अन्नकूट की सब्जी डेड सो रुपए किलो बेची गई। इस सब्जी में करीब 70 तरह की विभिन्न।तरह की मौसमी और गैर मौसम सब्जियां शामिल थी। इसी तरह 30- 35 प्रकार के मिक्स फल और इसके अलावा इनमें विभिन्न तरह की दालें छोले ,राजमा आदि शामिल थे । कुछ प्रकार के मेवे भी इन सब्जियों के साथ बेचे जा रहे थे ।ये सब मिलाकर डेढ़ सौ का भाव था।

सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है ,फिर भी किसी भी अन्नकूट की सब्जी बेचने वाले के यहां बथुआ नहीं आया था, जबकि लोगों की डिमांड बथुआ को लेकर ज्यादा थी। बताया गया है कि इस बार आलू की फसल लेट बोए जाने से ।बथुआ अभी पैदा नहीं हुआ है। पिछले वर्ष अन्नकूट की सब्जी में, अन्य सब्जियों के साथ बथुआ था और अलग से लेने पर बथुआ का भाव 80 ₹100 था।

अन्नकूट की सब्जियों की मंडी में दो तीन दुकानें लगायी गई थीं। इन्हे।सब्जी वालों ने खूब सजाकर लगाया था। इन पर अन्नकूट की सब्जी सवेरे से ही बिकना शुरू हो गई थी । बताया जाता है कि गोवर्धन भगवान को दीपावली की पड़वा पर को घर घर विराजित किया जाता है और उन्हें 56 भोग या अन्नकूट की सब्जी का भोग लगाया जाता है अन्नकूट की सब्जी का भोग लगाया जाता है बहुत से परिवारों में 56 तरह के व्यंजन बनाकर गोवर्धन की पूजा होती है मगर 56 तरह के व्यंजन बनाने में लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी, इस वजह से छप्पन भोग का प्रतीक अन्नकूट बनाकर अब गोवर्धन जी को पूड़ी ,कचौड़ी, हलवा,अन्नकूट की सब्जी और मिठाइयों संग भोग लगाकर उन्हें पूजा जाता हैं।

अन्नकूट की सब्जी में बाजार में इस बार कम से कम पांच तरह के बैंगन, 7-8 तरह की मिर्च ,कई तरह की चौलाई और कई तरह के कंद मिलाकर बेचे जा रहे थे।

अन्नकूट की सब्जी बेचने वाले सब्जी विक्रेता जसवंत नगर के लाल गुलाब ने बताया कि वह पिछले 20 वर्षों से अन्नकूट की सब्जी की दुकान सजाते हैं । इसके लिए कम से कम एक हफ्ता पहले से दिल्ली, आगरा ,कानपुर,इटावा और अन्य जगहों से विभिन्न तरह की सब्जियां और फल लाते हैं। रात में ही सभी तरह की दालें हम भिगो देते हैं, ताकि श्रद्धालुओं को छप्पन भोग की सब्जी बनाने के लिए कम से कम सौ- डेढ़ सौ प्रकार के आइटम मिल सके।

उन्होंने बताया कि इस काम के लिए हमें पूरी रात दुकान सजाने में लगती है । सवेरे 6:00 बजे से लेकर 11 बजे तक अन्नकूट की सब्जी बिक जाती है। इसे बेचने के पीछे हमारा लक्ष्य केवल यह है, कि वर्ष भर ग्राहक लोग हमसे जुड़कर हमारी दुकान से सब्जियां खरीदें। हालांकि जितनी मेहनत और दौड़ करनी पड़ती है ,उतना अन्नकूट की सब्जी बेचने में फायदा नहीं होता। फिर भी अपने ग्राहकों को जोड़ने के लिए इस चीज की दुकान हम बराबर सजाते रहे हैं।

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