अमित शाह ने कहा-“पहले हिंदी भाषा के लिए बहुत सारे विवाद खड़े करने का प्रयास किया गया था, लेकिन…”

वाराणसी के हस्तकला संकुल में अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को गृहमंत्री अमित शाह संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को राजधानी दिल्ली से बाहर करने का निर्णय हमने वर्ष 2019 में ही कर लिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अमृत महोत्सव, देश को आजादी दिलाने वाले लोगों की स्मृति को फिर से जीवंत करके युवा पीढ़ी को प्रेरणा देने के लिए तो है ही, ये हमारे लिए संकल्प का भी वर्ष है।

गृहमंत्री ने कहा कि पहले हिंदी भाषा के लिए बहुत सारे विवाद खड़े करने का प्रयास किया गया था, लेकिन वो वक्त अब समाप्त हो गया है। पीएम मोदी ने गौरव के साथ हमारी भाषाओं को दुनिया भर में प्रतिस्थापित करने का काम किया है।भाषा जितनी सशक्त और समृद्ध होगी, उतनी ही संस्कृति व सभ्यता विस्तृत और सशक्त होगी। अपनी भाषा से लगाव और अपनी भाषा के उपयोग में कभी भी शर्म मत कीजिए, ये गौरव का विषय है।

शाह ने कहा, ‘मैं गौरव के साथ कहना चाहता हूं कि आज गृह मंत्रालय में अब एक भी फाइल ऐसी नहीं है, जो अंग्रेजी में लिखी जाती या पढ़ी जाती है, पूरी तरह हमने राजभाषा को स्वीकार किया है। बहुत सारे विभाग भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं’

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