णमोकार मंत्र के साथ आचार्य विद्यासागर की याद में निकली विनयांजलि यात्रा

फोटो:- आचार्य विद्यासागर के चित्र पर विनयांजलि दीप प्रज्जवलित किया जाता हुआ।
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जसवंतनगर (इटावा)। जैन समाज के साथ-साथ ही सभी धर्मों में पूज्य और सम्पूर्ण विश्व को सत्य-अहिंसा का मार्ग दिखाकर आत्मिक बोध की ओर ले जाने वाले युग दृष्टा आचार्य प्रवर विद्यासागर जी महा मुनिराज के ब्रह्मलीन होने पर  रविवार रात यहां लुदपुरा स्थित दिगंबर जैन मंदिर से दर्जनों महिलाओं,पुरुषों ने णमोकर मंत्र के जाप के साथ श्रद्धांजलि यात्रा निकाली। उनके साथ अनेक जैन युवा और पुरुष भी साथ चलते नमोकरंत्र का उच्चारण कर रहे थे।

    श्रद्धांजलि यात्रा में शामिल सभी जैन महिलाएं और पुरुष अश्रुपूरित थे और आचार्य विद्यासागर अमर रहे के गगन भेदी  नारे भी  लगा रहे थे।
       यात्रा  दिगंबर जैन मंदिर लुदपुरा से प्रारंभ होकर लूदपुरा तिराहा, नदी पुल, टीचर्स कॉलोनी आदि घूमती हुई मंदिर पर ही समाप्त हुई।  अपने हाथों में सभी आचार्य विद्यासागर जी का चित्र धारण किए हुए थे। सभी की सद्भावना थी कि आचार्य विद्यासागर की चेतना-अनुभूति हमारे मन-हृदय में अनंत-अमर रहेगी।
         इस  विनयांजलि यात्रा में अंजली जैन नेतृत्व करती चल रही थी ।सीमा जैन, अली जैन, विमला जैन, रेखा जैन  भावना जैन, संगीता जैन ,वर्षा जैन, भावना जैन (रेल मंडी), प्रवीण जैन पिंटू,सत्यप्रकाशजैन , अक्षत जैन, राजीव जैन, विक्की जैन, विजय जैन आदि भी साथ चल रहे थे।
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*वेदव्रत गुप्ता

        

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