बालि के वध के बाद ,हनुमान ने रावण की स्वर्णिम लंका को फूंक दिया गया

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 फोटो:-  बालि के मरने के बाद सुग्रीव और राम लक्ष्मण उसके पार्थिव शरीर के पास। इनसेट में बालि और सुग्रीव के बीच युद्ध चलता हुआ
 समाचार के बीच में फोटोज:–भीड़ के बीच घूमती सूपर्णखा , हनुमान सीता की खोज में निकलते, सीता को अपनी रानी बनाने का अशोक वाटिका में लालच देता लंकेश, धू धू कर जलती लंका!
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 जसवंतनगर(इटावा)। यहां का राम लीला महोत्सव अब  चरमोत्कर्ष पर पहुंचने लगा है। मैदानी लीलाओं में युद्ध के नजारो से लोग  आकर्षित होने लगे हैं। तीर तलवारों का को चलते देख लोग रोमांचित होने लगे हैं।
     
शनिवार को कई लीलाएं रामलीला मैदान में प्रदर्शित की गई। इनमे वालि वध, अक्षय कुमार वध, रावण- हनुमान संवाद, लंका दहन आदि लीलाएं  काफी दर्शनीय और परंपरागत थी। रावण-हनुमान संवाद और लंका दहन लीला देखने  को तो भारी भीड़ उमड़ पड़ी। संवाद काफी उच्चतर का था। 
   
सीता खोज के दौरान राम और लक्ष्मण की सुग्रीव से मित्रता होने के बाद जब राम को पता चलता है कि सुग्रीव के भाई बालि को वरदान प्राप्त है कि सुग्रीव से सामने से युद्ध करने पर उसका आधा बल बालि में  आ जाता है। बालि ने सुग्रीव की पत्नी तारा को भी बंधक बना रखा है,तो सुग्रीव के आग्रह पर राम कहते हैं कि तुम अपने भाई बालि को युद्ध के लिए ललकारो,  मैं छिपकर बालि को परास्त कर दूंगा। 
           
सुग्रीव  और बालि से जब  युद्ध होता है तो बालि सुग्रीव दोनों के चेहरे एक जैसे होने के कारण राम वाण नहीं चला पाते। सुग्रीव मार खाकर वापस आ राम से कहता है कि जब आप कुछ नही कर पा रहे ,तो मुझे बालि से मार खाने क्यों भेज दिया था ? 
    इस पर राम बताते हैं कि तुम दोनों भाइयों की एक सी शक्ल होने के कारण हम भ्रमित हैं  और वाण नहीं चला सकते। राम सुग्रीव के गले मे अपनी माला डाल वापस युद्ध को भेजते हैं। जब बालि फिर से सुग्रीव को देखता है तो आग बबूला हो  घमासान युद्ध करने लगता है। मौका पाकर राम बालि पर वाण  का प्रहार करते हैं ,तब घायल बालि आकर राम से पूछता है कि मैंने क्या गलती की, जो आपने मुझ पर वाण मारा है..?  यदि एक बार मुझे बताया होता तो हम सीता को रावण के यहां से उठा लता।  आज सूर्यास्त से पहले  ही सीता को आपके सम्मुख लेकर खड़ा कर सकता हूं । रावण को तो मैंने 6 माह तक अपनी कांख में दबा कर रखा था।             
         बालि वध के बाद सीता की खोज में हनुमान लंका रवाना होते हैं ।समुद्र को वायुवेग से  पार करते और रास्ते में सुरसा से भेंट करते हुए  वह लंका पहुंचते हैं,जहां उनकी पहले विभीषण से भेंट होती है। विभीषण सीता के अशोक वाटिका में होने की बात बताते हैं। इसके बाद हनुमान अशोक वाटिका में पहुंचकर  वृक्ष के ऊपर से राम की निशानी अंगूठी सीता के निकट गिरा देते हैं। अंगूठी देख सीता जी हनुमान को राम का दूत मानकर प्रभु की कुशलक्षेम पूछतीं हैं। सीता से वार्ता के बाद हनुमान भूख लगने पर अशोक वाटिका से फल खाते  और वृक्ष तोड़ते हैं। अशोक वाटिका को उजाड़ने लगते हैं।
इसी बीच अक्षय कुमार पहुंचता है और हनुमान से युद्ध करते हुए मारा जाता है। फिर रावण की आज्ञा पाकर मेघनाद हनुमान जी को बन्दी बनाने आता है। सारे अस्त्र विफल होने पर ब्रह्मास्त्र चलाता है। ब्रह्मास्त्र का मान रखने के लिए हनुमान ब्रह्मास्त्र में बंधकर रावण के दरबार में आते हैं ।वहां रावण-हनुमान के बीच जोरदार संवाद होता है।क्रोधित होकर रावण हनुमान की पूछ में आग लगाने का आदेश देता है। जलती पूछ लेकर हनुमान लंका की छतों पर कूदने लगते हैं और रावण की सोने की लंका को राख के ढेर में बदल देते हैं। 
 
लंका दहन की इस लीला को इस बार जोरदार आतिशबाजी से संपन्न कराया गया। रामलीला समिति के प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू, उप प्रबंधक और विधायक शिवपाल सिंह यादव के प्रतिनिधि अजेंद्र सिंह गौर ने बताया है कि आकर्षक आतिशबाजी के लिए प्रसिद्ध  आतिशबाज को  बुलाया गया । लंका दौरान हुई जोरदार आतिशबाजी से पूरे नगर में शाम 7:30 बजे के बाद धमाके गूंजते रहे।
   शनिवार की इन लीलाओं में बालि  के रोल में शिवा, सुग्रीव शिवानन्द,अक्षय कुमार ,छोटू  और मेघनाथ मनी गुप्ता  थे।यह जानकारी लीला संयोजक निखिल गुप्ता, रतन पांडे और विशाल गुप्ता ने देते बताया है कि इस बार सभी पात्रों को काफी ट्रेंड किया जा रहा है ।
रामलीला में आज
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 रविवार को नगर की सड़कों पर मेघनाथ  और राम लक्ष्मण के बीच युद्ध।सेतु निर्माण। रावण-अंगद संवाद। लक्ष्मण शक्ति की लीलाएं आयोजित की जाएंगी ।
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 फोटो:-  बालि के मरने के बाद सुग्रीव और राम लक्ष्मण उसके पार्थिव शरीर के पास। इनसेट में बालि और सुग्रीव के बीच युद्ध चलता हुआ

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