यमुना-चंबल संगम तट पर स्थित भारेश्वर महादेव के दर्शन को उमड़ा जनसैलाब*
*यमुना-चंबल संगम तट पर स्थित भारेश्वर महादेव के दर्शन को उमड़ा जनसैलाब
-चंबल की कगारों में 444 फीट की ऊंचाई पर 108 सीढ़ियों से सुसज्जित भारेश्वर मंदिर भरेह धाम पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़
-हजारों वर्ष पुराना भारेश्वर मंदिर पर हजारों की हुई भीड़ भक्तों ने मांगी मिन्नतें
-सुरक्षा की दृष्टि से थाना प्रभारी भरेह मुस्तैद
-चकरनगर क्षेत्र में सबसे ज्यादा भीड़ इस परम स्थली धाम में होती है इसलिए सुरक्षा की की गई कड़ी व्यवस्था
*चकरनगर/इटावा।* यमुना चंबल संगम पर स्थित भारेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन काल से आध्यात्मिक ज्ञान एवं तपस्या का केंद्र रहा है। मान्यता है कि विद्वान नीलकंठ ने कर्मकांड एवं दंड के 12 मयूक (ग्रंथ) एवं आयुर्वेदिक ग्रंथ इसी मंदिर में रहकर लिखे थे।कभी कुख्यात डाकुओं की शरणस्थली के तौर पर बदनाम उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में यमुना-चंबलनदी के किनारे स्थापित भारेश्वर महादेव का हजारों साल पुराना मंदिर महाभारत के मुख्य पात्र पांडवों की आस्था का केंद्र रहा है। भारेश्वर मंदिर 444 फीट ऊंचाई पर बना है, जहां तक पहुंचने के लिए 108 सीढ़ियां हैं। बनारस के विद्वान नीलकंठ भट्ट ने भगवन्त भास्कर नामक ग्रंथ में मंदिर की महिमा का वर्णन करते हुए लिखा है।स्वतंत्रता संग्राम से भी इस मंदिर का ताल्लुक रहा है। बताते हैं कि भरेह के राजा रूपसिंह ने अंग्रेजी साम्राज्य के खिलाफ इस स्थल पर सेना की प्रशिक्षण कार्यशाला बनाई थी। बुजुर्ग बताते हैं कि एक बार जब अंग्रेजों ने मंदिर को घेर लिया तो मंदिर से निकले बर्रो ने उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।यमुना चंबल संगम पर स्थित भारेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन काल से आध्यात्मिक ज्ञान एवं तपस्या का केंद्र रहा है। मान्यता है कि विद्वान नीलकंठ ने कर्मकांड एवं दंड के 12 मयूक (ग्रंथ) एवं आयुर्वेदिक ग्रंथ इसी मंदिर में रहकर लिखे थे। वताया जाता है कि मार्ग जाते समय गोस्वामी तुलसीदास भी इस मंदिर में कुछ समय रहे। परमहंस गुंधारी लाल ने भारेश्वर महाराज की तपस्या कर अपना कर्मक्षेत्र ग्राम बडेरा को बनाया। परमहंस पुरुषेात्तम दास महाराज ने बिना भोजन व जल के भोलेनाथ की तपस्या की।
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि सीढ़ियों की बनावट व मंदिर का शिखर यह बताता है कि यह द्वापर युगीन है। इस तथ्य पर कई विद्वान भी एक मत हैं। आपको बताते चलें कि भारेश्वर भगवान के मंदिर में प्रतेक वर्ष इसी तरह आयोजन किया जाता है और इस आयोजन में समस्त ग्राम वासियों और प्रशासन का योगदान होता है। थानाध्यक्ष भारेह जयप्रकाश सिंह इंस्पेक्टर ने बताया कि हमारे वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देशन में यहां पर हजारों की भीड़ पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था से कहीं कोई किसी प्रकार की अनहोनी नहीं होने पाती व्यवस्था चारों तरफ चाक-चौबंद रहती है।
चंबल यमुना संगम तट पर स्थित भारेश्वर महादेव के दर्शन उमड़ा जनसैलाब औरकांवड़ियों ने किया जलाभिषेक श्रद्धालुओं ने लाइन में लगकर दर्शन किए और कांवड़ियों ने श्रृंगीरामपुर से जल भरकर जलाभिषेक किया इस मौके पर हरोली बहादुरपुर प्रधान मनीष दीक्षित व दरोगा मोहम्मद शकील, दरोगा नेम सिंह तथा प्रधान गढाकास्ता राम कुमार राठौर, प्रधान प्रतिनिधि महुआ सूँडा बृजेंद्र कुमार, विनोद सेंगर अन्य श्रद्धालुओं ने फूल वर्षा कर स्वागत किया।