आचार्य108 विद्यासागर महाराज का 56 वा दीक्षा दिवस मनाया गया

फोटो:-आचार्य विद्यासागर महाराज के जन्मदिन पर मंदिर जी में विशेष पूजा अर्चना चलती हुई, मौजूद श्रद्धालु
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जसवंतनगर(इटावा),जैन संत आचार्यश्री विद्यासागर महाराज का  मुनि दीक्षा दिवस संयम महोत्सव के रूप में शुक्रवार 30 जून  को देश भर में धूमधाम के साथ मनाया गया।         तपस्वी गुरुवर के तप और त्याग के बारे में जो भी जानता है वह उनका भक्त बन जाता है।                जसवंतनगर के पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में अभिषेक शांति धारा , व आचार्य श्री की पूजा  की गई, प्रथम अभिषेक ओर शांति धारा करने का महा सौभाग्य मनोज कुमार मानस जैन परिवार को मिला।
    कार्यक्रम  दौरान, महेन्द्रों देवी जैन मां जी ने आचार्य श्री के जीवन व त्याग से संबंधित प्रश्नन पूछे वहाँ उपस्थित लोगों ने उनके उत्तर दिए व पुरुस्कार दिया गया,
     दादा गुरु श्री 108 ज्ञान सागर जी महाराज ने उन्हे दीक्षा दी गई थी।। श्रमण संस्क्रति को अनुपम सौगात मूकमाटी के रचियता  विद्या सागर जी महाराज के रूप में भारत ही नही अपितु पूरे विश्व भर के लोग उन्हे जानते हैं।
   साधना जैन ने बताया कि कठिन साधना का मार्ग पार करते हुए विद्याधर ने महज 22 वर्ष की उम्र में 30 जून 1968 को अजमेर में आचार्य ज्ञानसागर महाराज से मुनि दीक्षा ली। उन्हें विद्याधर से मुनि विद्यासागर बनाया। 22 नवंबर 1972 को अजमेर में आचार्य की उपाधि दी गई। चातुर्मास, गजरथ महोत्सव के माध्यम से अहिंसा व सद्भाव का संदेश दिया।
   आशीष जैन ने  बताया कि आचार्य श्री संस्कृत व प्राकृत भाषा संग हिन्दी, मराठी और कन्नड़ भाषा का  ज्ञान रखते हैं। उन्होंने हिन्दी और संस्कृत में कई रचनाएं भी लिखी हैं। इतना ही नहीं पीएचडी व मास्टर डिग्री के कई शोधार्थियों ने उनके कार्य में निरंजना शतक, भावना शतक, परीग्रह जाया शतक, सुनीति शतक और शरमाना शतक पर अध्ययन व मूक माटी पर शोध किया है।
    जैन संत आचार्यश्री विद्यासागर महाराज 29 जून 2016 को दमोह से विहार के दौरान जिस मामूली पत्थर को कुछ पल के लिए आसन बनाया, वह पारस का बन गया था। महज 30 रुपये कीमति पत्थर की बोली सामाज के लोगों द्वारा 11 लाख रुपये तक लगा दी थी। कल तक मामूली पत्थर रहा अब उसका सबसे खास पत्थर बन गया है। गुरूदेव इन दिनों डोंगरगढ़ में विराजमान है।
 कार्यक्रम को सफल बनाने में
आशीष जैन,सचिन जैन,पंकज जैन,प्रखर जैन,चेतन जैन,विनीत जैन,सनमत जैन,विवेक जैन,मनोज जैन,साधना जैन,शोभा जैन,मिल्की जैन,जॉली जैन,अर्चना जैन,आरती जैन,ह्रदय जैन,संध्या जैन,कपूरी देवी जैन, नीरू जैन,ममता जैन,सारिका जैन मौजूद रहे।
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*वेदव्रत गुप्ता
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