डाक्टर बनने से पहले अपनी दोनो किडनी खो बैठे
ऊसराहार, इटावा। डाक्टर बनने से पहले अपनी दोनो किडनी खो बैठे एक होनहार छात्र को इलाज मे खर्चे मे राहत के नाम पर प्रशासन एक राशन कार्ड तक बनाने को तैयार नही है बीमार पुत्र के पिता ने जब पूर्ति निरीक्षक से गुहार लगाई तो पूर्ति निरीक्षक बोले ऐसे तो हमारे पास दस लोग आते हैं तो क्या हम सबकी मदद करते रहेंगे अपने होनहार बेटे को उसकी मां अपनी एक किडनी देने को तैयार है परंतु इसके बाद भी इलाज मे वीस लाख का खर्चा आ रहा है जो गरीब पिता नही उठा पा रहा है यदि उसका राशनकार्ड बन जाता तो उसे दिल्ली के एम्स अस्पताल में खर्चे मे काफी राहत मिल जाती लेकिन ताखा के पूर्ति निरीक्षक ने तो डीएसओ के आदेश को भी दरकिनार कर पीडित को भगा दिया।
यदा कदा अफसर शाही सामने आ ही जाती है उसमे भी कभी कभी इनकी हठधर्मी मानवता को भी तार तार करती है ऐसा ही एक मामला ताखा मे सामने आया है ताखा के कठौतिया निवासी रामगोपाल शाक्य का तीसरे नंबर का पुत्र आकाश पढने मे काफी होशियार है वर्ष 2020 मे उसने नीट की परीक्षा अच्छी रैंक से पास की तो उसे प्रयागराज का सरकारी कालेज पढाई के लिए मिल गया लेकिन आकाश के पास पर्याप्त पैसे नही थे वह कानपुर मे बच्चो को नीट की तैयारी कराता था जिससे उसे कुछ पैसे मिल जाते थे इसलिए उसने प्रयागराज से अपना कालेज बदलवाकर कानपुर करा लिया कानपुर मे उसने एक वर्ष बीएएमएस की पढाई की और बच्चो को कोचिंग पडाकर अपना खर्चा चलाता रहा लेकिन इसी बीच उसकी तबियत खराब हो गई उसे घर वापस आना पडा डाक्टरों को दिखाया तो दोनो किडनी खराब हो चुकी थी इलाज के लिए पैसो का बहुत इंतजाम नही था फिर भी दिल्ली एम्स मे इलाज शुरू हुआ आकाश की मां ईश्वर देवी अपने बेटे को अपनी एक किडनी देने के लिए तैयार हो गई इलाज मे लगभग बीस लाख का खर्चा बताया गया डाक्टरों ने सुक्षाव दिया यदि वह अंतोदय राशनकार्ड बनवा ले तो खर्चे मे काफी राहत मिल जाएगी बेटे का इलाज कराने के लिए राशन कार्ड बनवाने के लिए आकाश के पिता रामगोपाल ने अधिकारियो से गुहार लगाई उन्होंने सात माह पहले जिला पूर्ति निरीक्षक से अंतोदय राशनकार्ड बनाने के लिए गुहार लगाई तो उन्होंने तत्काल पूर्ति निरीक्षक ताखा शैलेंद्र को पीडित की हर संभव मदद के निर्देश दिए जिसके बाद पीडित पूर्ति निरीक्षक से मिला तो उन्होंने पंचायत मे बैठक कर पंचायत सचिव द्वारा कार्रवाई रजिस्टर पर पूरा प्रस्ताव राशनकार्ड बनाने के लिए लेकर आने के निर्देश दिए पुत्र का इलाज कराना था तो बेचारा पिता ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव के पास पहुचा पीडित की समस्या को देखते ग्राम प्रधान जिलेदार सिंह ने पंचायत मे बैठक बुलाई सभी लोगो ने होनहार छात्र के लिए अंतोदय राशनकार्ड बनाने के लिए प्रस्ताव किया इसके लिए गांव मे ही एक म्रतक के नाम के राशनकार्ड को छात्र की मां ईश्वर देवी के नाम पर दर्ज कराने का प्रस्ताव लिखा गया सोमवार को रामगोपाल सभी कागज लेकर तहसील कार्यालय मे जिला पूर्ति निरीक्षक शैलेन्द्र के पास पहुचे लेकिन अचानक पूर्ति निरीक्षक के बोल बिगडैल हो गए उन्होंने सभी कागज बेचारे लाचार पिता के ऊपर फेंक दिए और बोले तुम्हारे जैसे दस लोग मदद के लिए आते हैं तो क्या हम सबका राशनकार्ड बना देंगे बेचारा पिता पूर्ति निरीक्षक की चौखट पर बार बार गुहार लगाने के बाद खाली हाथ लौट आया लेकिन पूर्त निरीक्षक का एक बार भी दिल नही पसीजा एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री जनता की शिकायते सुनकर हर संभव मदद करने के निर्देश अधिकारियो को दे रहे हैं वही कुछ अधिकारी सरकार के निर्देशो की धज्जियां उडाने मे जुटे हैं रामगोपाल ने बताया 28 जून की तारीख डाक्टरों ने आप्रेशन के लिए दी है सात महीने से वह एक राशनकार्ड बनवाने के लिए घूम रहा है लेकिन वह हार गया है और प्रशासन जीत गया है उसने सोमवार को उपजिलाधिकारी ताखा देवेन्द्र कुमार पांडेय से अब राशनकार्ड बनाने की गुहार लगाई है वह पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी से भी करेगा इस संबध मे जब पूर्ति निरीक्षक से बात करने की कोशिश करने के लिए कई बार फोन पर काल की गई लेकिन उन्होंने फोन नही उठाया एसडीएम ताखा देवेन्द्र कुमार पांडेय ने बताया पूर्ति निरीक्षक के बर्ताव की जांच की जाएगी यदि संभव होगा तो राशनकार्ड बनाया जाएगा।