गोली कांड की जांच में जुटी
बकेवर, इटावा। सब्जी विक्रेता को चलती बाइक में बाइक सवारों के द्वारा गोली मारने की बात पुलिस के गले नहीं उतर रही है। घायल सब्जी विक्रेता से पूछताछ करने के लिए पुलिस उसके स्वस्थ होने का इंतजार कर रही है। सब्जी विक्रेता के साथ उसके भतीजे से पुलिस फिलहाल पूछताछ में जुटी है। अन्य स्थानों पर लगी सीसीटीवी कैमरा से पुलिस उस दौरान गुजरने वाली बाइक के बारे में भी जानकारी एकत्र की है।
थाना क्षेत्र के अंतर्गत 5 दिन पहले 15 जून की रात्रि को अहेरीपुर चौकी क्षेत्र के निबाड़ी कला गाँव से अपने इकघरा कोठी गांव आ रहे एक सब्जी विक्रेता हरिश्चंद्र दोहरे को रात्रि करीब सवा नौ बजे अज्ञात बाइक सवार हमलावरों द्वारा गोली मारने की घटना को अंजाम दिया गया था। गोली लगने के बाद घायल हुए सब्जी विक्रेता का फिलहाल सैफई मिनी पीजीआई में उपचार चल रहा है। हालांकि हरिश्चंद्र की स्थिति अब खतरे के बाहर बताई जाती है। सब्जी बिक्रेता का कहना है कि अज्ञात बाइक से आए हमलावरों ने चलती बाइक से ही उसको गोली मार दी और बाइक सवार भाग गए। पुलिस की अब तक की पड़ताल में चलती बाइक में बाइक सवार के द्वारा गोली मारने की बात पुलिस को हजम नहीं हो रही है। जबकि सब्जी बिक्रेता ही अपनी बाइक को चला रहा था उसके पीछे सब्जी की तीन खाली क्रेटे रखी हुई थी। और उसके पीछे बाइक पर उसका एक 18 वर्षीय भतीजा दीपू बैठा हुआ था। तथा उसके पीछे भी बाइक पर चार खाली क्रेटे लगी हुई थी। निबाड़ी कला से तकरीबन एक किलोमीटर की दूरी पर चलने पर ही उसे गोली मारी गई है। इस संबंध में मामले की छानबीन कर रहे थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बकेवर रण बहादुर सिंह बताते हैं कि निबाड़ी कला से वह सब्जी विक्रेता घर के लिए चला था और घटनास्थल एक किलोमीटर दूर है घटनास्थल से पहले एक संस्थान गेस्ट हाउस पर लगे सीसीटीवी को पुलिस न खंगाला तो गोली लगने की घटना के 4 मिनट बाद तक मात्र तीन बाइकें उस स्थान से उस मार्ग से गुजरे उन तीनों बाइकों पर मात्र अकेले- अकेले व्यक्ति ही थे। किसी भी बाइक पर दो लोग नहीं थे इसके अलावा दो चार पहिया वाहन गुजरे हैं इसके अलावा अन्य कोई वाहन इतनी देर में नहीं गुजरा है। पूरे मामले की गहनता से छानबीन की जा रही है। गोली मारने की घटना से घायल सब्जी बिक्रेता हरिश्चंद्र रोजाना मंडी से थोक में सब्जी खरीदकर लाकर अहेरीपुर, व निबाड़ी कला व उरेंग के बाजार में सब्जी की दुकान लगाने वालों को फुटकर बेचने को सब्जी देता था। शाम को बाजार आकर उनसे बसूली कर रात को 9 से 10 के बीच अपनी बाइक से करीब 6 किमी दूर घर जाता है।