जीवित पशुधन को निर्जीव कमोडिटी के नाम पर आयात निर्यात विधेयक का विश्व जैन संग़ठन करेगा विरोध* *अहिंसा परमो धर्मः वाले देश में जीवित पशुओं का आयात निर्यात बर्दाश्त नहीं :आकाशदीप जैन*

*जीवित पशुधन को निर्जीव कमोडिटी के नाम पर आयात निर्यात विधेयक का विश्व जैन संग़ठन करेगा विरोध*

*अहिंसा परमो धर्मः वाले देश में जीवित पशुओं का आयात निर्यात बर्दाश्त नहीं :आकाशदीप जैन

*इटावा।* विश्व जैन संग़ठन के जिलाध्यक्ष आकाशदीप जैन ने कहा केन्द्र सरकार द्वारा पशु पालन के लिए गठित केंद्रीय मंत्रालय द्वारा जीवित पशुधन को निर्जीव कमोडिटी लिखकर विदेशों में जीवित और मांस के लिए प्रस्तावित पशु हत्यारे ‘पशुधन और पशुधन उत्पाद आयात निर्यात विधेयक – 2023’ का विश्व जैन संगठन विरोध करेगा।उन्होंने कहा केंद्रीय मत्स्य पालन,पशु पालन व डेयरी मंत्रालय द्वारा जून 2023 को जारी ऑफिस ग्राफ में जीवित पशुधन को कमोडिटी के अंतर्गत लिखकर ‘पशुधन और पशुधन उत्पाद आयात निर्यात विधेयक -2023’ के लिए सुझाव आमंत्रित किये हैं जिसका विरोध सकल जैन समाज एवं जीव प्रेमियों और अहिंसा प्रेमियों द्वारा किया जायेगा।पशु पालन के नाम पर गठित मंत्रालय की जिम्मेवारी पशुधन के पालन पोषण संरक्षण की है लेकिन मंत्रालय द्वारा जीवित पशुधन को कमोडिटी के अंतर्गत लिखकर निर्जीव वस्तुओं,पदार्थ,उत्पाद के समान लिखकर मूक व निर्दोष पशुधन को जीवित व इनके मांस को निर्यात के लिए पशु हत्यारा विधेयक लाना अनुचित और असहनीय है।
*विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन के द्वारा* वर्ष 2018 में नागपुर व अहमदावाद से हवाई जहाज से जीवित 3 लाख बकरों के निर्यात का विरोध किया गया था।जैन तीर्थंकर ऋषभदेव,श्रीराम, श्रीकृष्ण,भगवान महावीर और ऋषि मुनियों की पावन धरा से जीवित पशुधन को निर्जीव वस्तु के समान जीवित और काटकर इनके मांस को उत्पाद का नाम देकर निर्यात करना मूक प्राणियों के साथ अन्याय और घोर पाप है और यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 और 51 के साथ सुप्रीम कोर्ट व अनेकों हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है जिसका संग़ठन द्वारा देशव्यापी पुरजोर विरोध किया जायेगा।उन्होंने कहा कि मूक व निर्दोष पशुधन की रक्षा हेतु जैन संतों ने अपना मार्गदर्शन व आशीर्वाद दिया है और मंत्रालय द्वारा हत्यारा विधेयक निरस्त न करने पर देश में कार्यरत अनेकों जीव दया व रक्षा हेतु कार्यरत संस्थाओं के सहयोग से जनपद में भी आंदोलन किया जायेगा जिसकी जिम्मेवारी मंत्रालय की होगी।

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